शनि देव का पूजन और पठन हर व्यक्ति नहीं कर सकता है न ही करना चाहिए। लेकिन जब शनि देव अत्याधिक कष्ट दे रहे हो या जातक शनि की ढैय्या या साढ़े साती से गुजर रहा हो तब यह पुस्तक उपयोगी साबित हो सकती है। वैसे यह बात अटल सत्य है की शनि देव जब किसी को भी दण्डित करते है तो विधि का विधान ही होता है। पर अगर मानव अपने अंदर की कमियों को जानकर शनि की आराधना करता है तो शनि देव उसकी पीड़ा को कम कर देते है और अत्याधिक प्रस्सन हो जाये तो सही मार्ग दिखा कर क्षमा भी कर देते है। ज्योतिषी शनि शांति के लिए अलग अलग तरह के उपाए बताते है पर सही विधि से उपचार न होने पर विपरीत फल की प्राप्ति होती है। इस पुस्तक के माध्यम से सही विधि विधान से पूजन करके शनि का उपचार किया जा सकता है। शनि चालीसा और शनि स्त्रोत्र के माध्यम से उपचार संभव है। इस पुस्तक के माध्यम से आप सही नियम समझ पायंगे की सम्पूर्ण विधि क्या है जिससे सही प्रकार से पूजन आदि किया जा सके। पुस्तक में विशेष यह है की संकल्प हवन दिन समय का ज्ञान मिल जायेगा किस स्त्रोत्र का पाठ कैसे और किस समय पर किया जा सकता है इन सबकी जानकारी प्राप्त हो जाएगी। मैं अपने दस वर्षों के अनुभव से अर्जित किया हुआ कुछ ज्ञान आप सभी तक पहुँचाने का प्रयास कर रहा हूं, और मुझे पूर्ण आशा है कि श्री शनि संहिता के अध्ययन से आप सबको शनि देव महाराज का आशीर्वाद प्राप्त होगा। शनि देव की साधना करने वाले साधक को शनि देव कभी भी निराश नहीं करते हैं, शनि देव की साधना या उपासना करना कोई सामान्य बात नहीं है।