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Shunahshep & Nachiketa / शुनःशेप एवं नचिकेता काव्य संग्रह

Author Name: Vijay Kumar Singh | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

शुनःशेप कथा है भाग्य की, कर्म की, एवं करुणा की । यह कथा है एक निर्धन ऋषि पुत्र की जो  अपने पिता द्वारा बेच दिया जाता है । उसकी माता तक उसकी रक्षा नहीं करती । हर तरफ से लाचार शुनःशेप अपने ज्ञान एवं कर्म का सहारा लेता है अपनी रक्षा हेतु ।

नचिकेता ज्ञान एवं पितृभक्ति की गाथा है जिसमे एक छोटा सा ज्ञानी बालक अपनी ज्ञान पिपासा से न केवल यम देव को प्रभावित कर अपनी जीवन रक्षा करता है अपितु यम से आत्म रहस्य का वो दुर्लभ ज्ञान भी प्राप्त करता है जिससे समस्त संसार वंचित था, साथ ही वह अपने पिता के यज्ञफल की रक्षा भी करता है ।

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विजय कुमार सिंह

विजय  कुमार  सिंह  का  जन्म  1961  में  बिहार  राज्य  के  बेगूसराय  जिले  के  बहदरपुर  ग्राम  में  हुआ । विज्ञान  में  स्नातक  तक  की  शिक्षा  प्राप्त  की । हिंदी  साहित्य,  काव्य,  वैदिक  इतिहास  एवं  दर्शन  में  विशेष  रूचि  रखते  हैं ।

उनकी अन्य प्रकाशित रचनाएँ "नेपथ्य में गूँजते शब्द" (कविता संग्रह) एवं "कल्याणी" (काव्य) हैं ।

शीघ्र प्रकाशित होनेवाली रचना "चित्रलेखा" (कविता संग्रह) है । 

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