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 ‘स्वामी विवेकानंद’ राष्ट्रीयता, राष्ट्रधर्म व मानवता के वाहक सहित सर्वधर्म समभाव व आधुनिकता के प्रेरणापुंज थे। उन्हें भारतीय परंपरा और आधुनिकता के मध्य ऐसी कड़ी माना जाता है, जिनका योग व वेदांत-दर्शन मार्गदर्शक बनकर वैश्विकपटल पर छा गया था। वे चाहते थे कि युवजन आलस्यता, कूपमंडूपता और कायरता त्यागकर राष्ट्र के उत्थान के लिए अपना अमूल्य योगदान दें।
उन्होंने अमेरिका के शिकागो में जो उद्बोधन दिया है, वह अविस्मरणीय है। उनके योगदान को अक्षुण्य बनाए रखने के लिए देश हर साल 12 जनवरी को ‘युवा दिवस’ मनाता है। 
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