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Taare , banjaron ki chah me / तारे , बंजारों की चाह में Thinks for life

Author Name: Kritika Agarwal | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

थिंक्स फॉर लाइफ हर एक दिन जीने का अहसास है ,हर दिन कुछ न कुछ महसूस करने का ज़रिया और नज़रिया  ।

इसे पढ़ते वक़्त आप हर पल ये कह सकते है कि हाँ मैंने भी ये चीज़ महसूस की थी या की है .. इसे लिखते वक़्त मैंने ये जाना कि कभी कभी सोच में मैं इतना डूब गई थी कि यूँ लगता था , ये शब्द मेरे साथ ही रहते हैं ,सुबह उठते ही प्यारी सी मुस्कान मुझे देते हैं ।

कुछ ऐसे ही एक एक शायरी और कविता को दिल से महसूस करते हुए कोरे काग़ज़ से आप तक पहुँचाने की कोशिश की है ।

"तारे बंजारों की चाह में " किताब के माध्यम से ये वर्णन दिया जा रहा हैं कि कुछ अगर हासिल करने का मन हो और जुनून हो तो तारे खुद उन बंजारों के लिए चलके आते हैं , जिन्होंनें आज भी जीवन के रास्तों में बन्जारें बन वो खोज जारी रखी है कि आख़िर वो क्या है जो उन्हें सबसे अलग बनाता है और कौन सी वो छोड़ी हुई चाह है जो वो पूरा करना चाहते हैं । क्या वो सब हासिल करने के लिए हम जैसे बंजारो में उतनी हिम्मत है या नही ?अगर हम उस राह में बन्जारें बन चल पड़ते हैं तो तारें(विक्टरी, नाम) खुद हमारी चाह में इंतज़ार में रहते हैं ।  हमें ज़रूरत ये है कि इसके लिए मन की सुनकर मन की करते रहना और आगे बढ़ते रहना..

कई ताने भी मिल सकते हैं इस राह में , पर जो खुद के नाम और मन के लिए कुछ करते हैं असल तारें उन्हीं की जेब में मिलते हैं.. ।

- कृतिका अगरवाल

(थिंक्स फॉर लाइफ)

Insta - @kthinksforlife 

 

 

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कृतिका अगरवाल

कृतिका अगरवाल का जन्म 18 मार्च 1996 को भिवानी, हरियाणा में हुआ और 4 साल की उम्र में ये अपने घर वालों के साथ सूरत , गुजरात आ गईं ।  इनके पिता गोपाल अगरवाल एक बिज़्नेस मैन हैं और इनकी माँ डिंपल अगरवाल हाउस वाइफ है , कृतिका ने अपनी स्कूलिंग और कॉलेज की पढ़ाई सूरत से की और फिर जॉब के लिए ये पुणे आ गईं जहाँ इन्होंने सॉफ्टवेर इंजिनियर के पोस्ट पे एम एन सी में काम करना शुरू कर दिया ।

कॉलेज के शुरू के दिनों में इन्हें अपने एक और शौक़ और जज़्बे का पता चला जो की है लिखना और फोटोग्राफी करना और इसलिए अपने मन की ख़ुसी के लिए इन्होंने अपनी डाइयरी और इंस्टाग्राम पेज पर लिखना और फोटोग्राफी करना शुरू कर दिया ।

इन्हें शब्दों , और लिखने से प्यार है , और गहरा सोचना इन्हें काफ़ी पसंद है ।ये नेचर से भी बेहद लगाव रखती है , इसलिए ट्रॅवेल करना और नए शहरों और वहाँ के इतिहास और लोगों को जान ना इन्हें काफ़ी पसंद है । इन्हें लोगों से अच्छा और सज्जनतापूर्ण व्यवहार करना ही सही लगता है , और अपनी सारी भावनाओं के साथ इन्होंने अपने बर्थडे  पर पहली किताब ''तारे , बंजारों की चाह में" लौन्च की है , जो कविता , शायरियों का संग्रह है ।

Insta - @kthinksforlife , Email - agarwalkritika1803@gmail.com

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