प्रस्तुत पुस्तक ‘विविध स्वरों की गूँँज’ एक ऐसी विधा की प्रतिनिधि होकर सामने आई है जिस पर देश-विदेश की अनेक प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में आपके सहस्त्राधिक समीक्षा प्रकाशनों की गूंज सुनाई देगी। पुस्तक ‘विविध स्वरों की गूँज’ में कुल उन्नीस समीक्षाओं में से तीन समीक्षाएँ उपन्यास, पाँच कहानी संग्रह, चार लघुकथा संग्रह तथा चार काव्य संग्रह एवं एक यात्रा वृतांत, एक चिंतन-संस्कृति, एक जीवनी परक पुस्तक से सम्बन्धित हैं। यूँ तो सम्पूर्ण साहित्य जगत, ऐसी कृतियों से लाभान्वित होता है, परन्तु नवोदित साहित्यकारों-समीक्षकों के लिये यह संग्रह-‘विविध स्वरों की गूँज’ विशेष ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक और मार्ग दर्शक सिद्ध होगा। मदन मोहन शर्मा‘अरविन्द’
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