ज़मीन के परिंदे में कुछ नज़में हैं उन व्यक्तिओं के लिए जो अपनी ज़िंदगी में कुछ करना चाहते हैं लेकिन उन्हें मार्ग दिखाने वाला कोई नहीं है।
कुछ लोग माँ बाप से डर कर और कुछ आस पड़ोस से डर कर,कुछ परिस्थितिओं से डर कर,कुछ खुद से डर कर बैठे हैं।
संघर्ष किसी भी प्रकार को हो सकता है चाहे मोहब्बत को लेकर हो या अपनी ज़िंदगी में कुछ कर दिखने का यह बस आप पर निर्भर करता है के आप मेरे शब्दों को किस तरह से समझते हैं।
मैं आशा करता हूँ कि आप सभी को मेरी नज़में पसंद आएंगी और अगर कोई एक व्यक्ति भी अपनी ज़िंदगी बदलने में अगर सफल रहा तो मेरा इस पुस्तक को लिखने के पीछे जो कारण था वह भी पूरा हो जाएगा।