जज़्बात मनुष्य की संरचना का बहुत अहम हिस्सा होते हैं। आज के इस युग में जब मशीन और कृतिम प्रज्ञता यानी “Artificial Intelligence” बहुत जोरों पर है तब जज़्बात उन कुछ दुर्लभ चीजों में से हैं जो हमें उनसे अलग करती हैं।
कोई भी समय हो जगह हो या कोई भी हालात हो हम सदैव ही जज़्बातों से लबरेज रहते हैं। जैसे:- प्रेम, क्रोध, करुणा, त्याग, प्रेरणा, मोह इत्यादि।
मनुष्य अपने इन्हीं जज्बातों को व्यक्त करने के प्रयास में रहता है। कभी-कभी यह जज्बात हमसे भी बड़े हो जाते हैं इसलिए इनका व्यक्त होना, बाहर आना जरूरी हो जाता है, और जब ये जज़्बात रचना का सुंदर रूप लेकर सामने आते है तो आनंद की स्थिति दुगनी हो जाती है।
तो ये किताब जज़्बातों का सुंदर रूपांतरण और आपके सुंदर मन से मिलन ही तो है यानी आपसे हमारा, हम सब का ज़िक्र-ए-जज़्बात है।