यू.ए.ई. एक छोटा-सा देश है। भूमंडल के नक्शे पर सहज ही दिख जाए, ऐसा वृहदाकार नहीं है। खोजने से मिल जाए, ऐसा अवश्य है। मध्य पूर्व के देशों के पूर्वग्रह से अलग हटकर इसने अपनी पहचान बनाने के लिए बहुत ज़ोर लगाया है। अपनी भौतिक विशेषताओं से इसने हाल ही में सारी दुनिया में अपना नाम बनाया है। कुछ ऐसी ही स्थिति यहाँ के हिंदी-प्रेमियों की भी है। यहाँ बसे प्रवासियों ने पिछले कुछ वर्षों में ही अपनी पहचान दुनिया के लेखकों व कवियों के बीच बनाई है। पुस्तक का उद्देश्य ही है यहाँ के प्रवासी भारतीयों के मन को दुनिया के सामने खोलना, यहाँ की सांस्कृतिक-सामाजिक विशिष्टताओं को दूर-दूर तक पहुँचाना और इसके माध्यम से हिंदी प्रवासी भारतीय संसार से जुड़ना।
यू.ए.ई. के रचनाकारों को समर्पित यह पुस्तक उनकी मँझी हुई कलम की स्याही से रची गई है। इस पुस्तक में पाठकों की रुच और सुविधा के लिए इसे 6 अध्यायों में विभाजित किया गया है। पहले तीन अध्याय साहित्यिक रुचि रखने वाले पाठकों के लिए हैं और शेष अध्याय कलात्मक रुचि मनीषियों के लिए हैं। पहले अध्याय ‘काव्य खंड’ में अनेक प्रकार की पद्य रचनाओं को संकलित किया गया है। कविता, गज़ल, गीत, हाइकु तथा चित्राधारित काव्य कृतियाँ इसी अध्याय का अंग हैं। इस खंड में यू.ए.ई. के विभिन्न स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्राओं की रचनाओं को प्रमुखता से स्थान दिया गया है। गद्य खंड में कथात्मक तथा कथेतर खंड के आधार पर अध्याय बनाए गए हैं। चित्रात्मक अभिव्यक्ति भी इस पुस्तक का अभिन्न अंग है।
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