अक्सर हम उन्हीं से मोहब्बत कर बैठते हैं जिन्हें हम पा नहीं सकते और वो भी एकतरफा मोहब्बत, हर रोज उस रास्ते से गुजरता हूँ और उसे देखा करता हूँ, बीच-बीच में वो भी देख लिया करती है। और जिस दिन वो नहीं दिखती है अपना दिन ही नहीं गुजरता है,। मुझे उससे कोई शिकायत भी नहीं है और ना ही अपने प्यार के बदले में उससे प्यार चाहिए, बस हर रोज़ वो दिख जाए मेरे लिए वही काफी है। मुझे तो ये भी पता नहीं कि वो मेरा नाम भी जानती है या नहीं बस एकतरफा मोहब्बत किए जा रहा हूँ। "दर्द लिखने लगा हूँ तब से जिंदगी मर गई है जब से,,
लेखक परिचय
आशुतोष कुमार, जिन्हें उनके कलम नाम आशु चौधरी "आशुतोष" के नाम से जाना जाता है, उनका जन्म 14 फरवरी 1998 को बिहार के कटिहार जिले से लगभग 30 किलोमीटर दूर एक छोटा सा गाँव गांधी ग्राम बरेटा में हुआ था।
अपने जुनून से उन्होंने लेखन को चुना और उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियर के रूप में नौकरी छोड़ दी।
उनकी पहली किताब दर्द ए जिंदगी है।
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