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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palइस शोरगुल भरी दुनिया में, यह एक मौन भेंट है। इसमें लेखिका के गहन आध्यात्मिक अनुभवों का संग्रह है — सूक्ष्म बदलाव, मौन की शक्ति, अदृश्य मार्गदर्शन, और भीतर छुपे ईश्वर का स्पर्श। यह वह क्षण हैं जब परदा हटता है और अनंत की एक झलक मिलती है।
हर अध्याय लेखिका की अंतर्मुखी यात्रा की एक झलक है — एक यात्रा है मौन से, पीड़ा से, सौंदर्य से और कृपा से — और यह बताती है कि ईश्वर कहीं बाहर नहीं, बल्कि भीतरी गुनगुनाहट में है।
यह पुस्तक उन सभी के लिए भी है जिन्होंने भीतर से कोई अदृश्य पुकार महसूस की हो। यह दूर स्थित परमात्मा की खोज नहीं, बल्कि उस सत्य का स्मरण है जो पहले से आपके भीतर जीवित है।
इन शब्दों को अपने साथ चलने दें — एक दर्पण की तरह, एक कोमल मार्गदर्शक की तरह, और इस स्मरण के रूप में कि आपकी आत्मा पहले से ही यह राह जानती है।
इस पुस्तक के साथ बहुत से लोग स्वयं को जुड़ा हुआ महसूस करेंगे। यह दिव्य अनुभव उनकी आत्मा के भी अनुभव हो सकते हैं। यह पूर्ण सत्य है,मां सन्मार्ग का रास्ता दिखाती हैं वो ही प्रत्यंगिरा देवी है वो ही सत्यनारायणी है वो ही सीता है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.अर्चना शांडिल्य
लेखिका, अर्चना शांडिल्य, कोई गुरु या उपदेशक नहीं हैं, बल्कि एक विनम्र आत्मा हैं जो अपने भीतर दिव्य बुद्धि के जागरण की seeker (अन्वेषक) हैं। यह पुस्तक राह दिखाती है कि भीतर एक शांत, गहरी समझ कहीं न कहीं विद्यमान है। वह शुद्ध नीयत और कोमल उपस्थिति के साथ इस रचना को आत्मबोध की यात्रा की एक शुरुआत के रूप में समर्पित करती हैं।
उनके शब्द किसी सैद्धांतिक ज्ञान से नहीं, बल्कि स्वयं के जीवन के अनुभवों से उपजे हैं।
इस पुस्तक का प्रत्येक पृष्ठ भीतर की यात्रा का एक कदम है — एक ऐसी राह, जो साहस के शोर से नहीं, बल्कि शांत, उपस्थिति और उस दिव्य तत्व की ओर लौटने से चिह्नित होती है, जो हम सभी के भीतर वास करता है।
वह मौन की शक्ति में विश्वास रखती हैं — एक ऐसा मौन जो अक्सर शब्दों से कहीं अधिक गहराई से बोलता है। इस पुस्तक के माध्यम से, वह पाठकों को स्वयं के पवित्र आंतरिक आकाश में प्रवेश करने का निमंत्रण देती हैं।
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