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DURYODHAN KAB MIT PAYA : BHAG ; 2 / दुर्योधन कब मिट पाया : भाग : 2

Author Name: Ajay Amitabh Suman | Format: Paperback | Genre : Others | Other Details

महाभारत युद्ध के अंत में भीम द्वारा जंघा तोड़ दिए जाने के बाद दुर्योधन मरणासन्न अवस्था में हिंसक जानवरों के बीच पड़ा हुआ था। आगे देखिए जंगली शिकारी पशु बड़े धैर्य के साथ दुर्योधन की मृत्यु का इन्तेजार कर रहे थे और उनके बीच फंसे हुए दुर्योधन को मृत्यु की आहट को देखते रहने के अलावा कोई चारा नहीं था। परंतु होनी को तो कुछ और हीं मंजूर थी । उसी समय हाथों में पांच कटे हुए नर कपाल लिए अश्वत्थामा का आगमन हुआ और दुर्योधन की मृत्यु का इन्तेजार कर रहे वन पशुओं की ईक्छाएँ धरी की धरी रह गई। इस पुस्तक में  आगे देखिये क्या होता है।

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अजय अमिताभ सुमन

दिल्ली हाई कोर्ट में पिछले दो दशकों से ज्यादा समय से बौद्धिक संपदा विषयक क्षेत्र में वकालत जारी।हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओँ में समान अधिकार।अनगिनत कानूनी संबंधी लेख कानूनी पत्रिकाओं में प्रकाशित जैसे कि लावयेर्स क्लब इंडिया , इंडियन लीगल सर्विस , लीगल डिजायर , लाइव लॉ , बार एंड बेंच , पेटेंट एंड ट्रेड मार्क्स केसेस इत्यादि । वकालत करने के अलावा साहित्य में रूचि रही है.अनगिनत पत्र , पत्रिकाओं में कहानियों और कविताओं का हिंदी और अंग्रेजी दोनों भषाओ में प्रकाशन। प्रकाशन: टाइम्स ऑफ़ इंडिया , नव भारत टाइम्स, अमर उजाला, दैनिक जागरण ,यूथ की आवाज , स्पीकिंग ट्री , आज, हिंदुस्तान, नूतन पथ, , रचनाकार , हिंदी लेखक , स्टोरी मिरर, मातृ भारती , प्रतिलिपि, साहित्य कुञ्ज, साहित्य मंजरी , पोएम हंटर , आल पोएट्री , हेल्लो पोएट्री इत्यादि पत्रिका और अख़बारों में रचनाओं का प्रकाशन।

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