"एहसास" उन सारे अल्फ़ाज़ों को एक नयी पहचान दे रहा है, जो कहीं ना कहीं आपके जहन में भी उभरता तो है लेकिन समय के साथ-साथ आप उसे कही दफ़ना रहे हैं। मैं अपने रचनाओं के साथ-साथ, इस किताब के जरिये उन तमाम लेखकों को भी एक नयी पहचान देना चाहता हूँ, जिनके लेख को इस किताब में संपादित किया गया है। बस हमारी यही कोशिश है कि हम अपने इस किताब के जरिये आपके एहसासों को दुबारा से आपके दिल में वही एक स्थान दे जिसके वो हक़दार है।
यह है अमन अलोक। ये मूल रूप से छपरा, जिला- सारण, बिहार के रहने वाले है।
ये वर्तमान में लोक नायक जय प्रकाश इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कॉलेज, छपरा से बी टेक इन सिविल इंजीनियरिंग के 3rd ईयर के स्टूडेंट है।
इन्होंने लगभग तीन साल पहले लिखना शुरु किया था और तब से इनकी लेखन कला में उत्कृष्टता आती ही रही है।
ये हिंदी के अलावा अंग्रेजी और उर्दू में भी नज़्में और कविता लिखते है।