यादो के पीच-ओ-खम में जुदा है हुन्न मेरा केसी से
कहे को घर द्वार रा हुण माई किसि से "
“आज फिर मेफिल साजा ली याडो न की
फ़िर क़ाफ़ास हम न बाना ली यादो के
hijr-o-gham ke sab ghubaar uTth baiThe dil meiN
जा कालम हम न उथै ली यादो न ”
"मोहब्बत की बेटियां 'के बाद यह' ग़ज़ल एंड पोएट्री फॉर द यंग एट हार्ट 'श्रृंखला की मेरी दूसरी पुस्तक है। इस खंड में शामिल मेरी पसंद के 11 हैं PUNJABI ग़ज़ल / गीत। लिखे और लिखे गए गीतों को गहरे जुनून और भावनाओं के साथ लिखा। 'जीवन' नामक सड़क पर चमचमाती भावनाओं का मिश्रण हैं। सरल शब्द सीधे दिल से हैं।