इस पुस्तक में प्रकृति के साथ शैशव, बाल, किशोर और यौवनावस्था का अनूठा संग्रह है। इस पुस्तक में गलतियाँ होना स्वाभाविक है, क्योंकि गलतियाँ इंसान से ही होती हैं। हम भी आप की तरह ही एक सामान्य व्यक्तित्व रखते हैं। इस पुस्तक में हमने प्रकृति के प्रति प्रेम, बचपन की अभिलाषा, और जीवों की स्थिति कविताओं के माध्यम से दर्शायी है। आपसे बस इतनी सी करुणामय प्रार्थना है, कि आप प्रकृति से प्रेम करें, और जीवों के प्रति सहानुभूति रखें। इस प्रकृति के चित्रण को अन्य लोगों तक पहुँचाने का कार्य करें।