मेरी शायरी की दूसरी किताब *इन्दु की शायरी - 2* आप तक पहुंचाते हुये मुझे बेहद निशात-ओ-इशरत का एहसास हो रहा है।
*इन्दु की शायरी* सुखनवर के दिली जज़्बातों का सदरंग गुलशन है जिसमे क़ायनात के हर ग़ुल अपने पूरे शबाब पर हैं।
शायरी काव्य की एक ऐसी विधा है जिसमे अदावत भी बड़ी नज़ाक़त और शराफत से पेश की जाती है, फिर मोहब्बत के अदब ओ तहज़ीब का तो कहना ही क्या...।
*इन्दु की शायरी* मे व्यक्ति, समाज और मुल्क के सभी पहलुओं को हिन्दी, उर्दू, फारसी और अरबी अल्फाज़गी में समेट कर पुरनूर बनाने की कोशिश है। नज़्मों मे मोहब्बत, अदावत, शिकायत, नज़ाक़त, शराफत और वतनपरस्ती के जज़्बात अपनी दिलकश अदाओं के साथ मौजूद है। बाकी अन्जाम तो आप पर निर्भर है। हमे तो बस बेक़रारी से इन्तज़ार है...
देखें इस शमशीर में जी, धार कितनी है
उनके ज़िगर के जाती, आर पार कितनी है
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