मेरी यही कोशिश रहती है कि मैं आम जनता को अपने स्वतन्त्र लेखन के माध्यम से अपने जज्बात पहुंचा सकूँ । प्रथम प्रयास है ... इस पुस्तक को मैनें #इज़हार का नाम दिया है । अनेक नज़्म तथा छोटी - बड़ी रचनाओं के माध्यम से अपने पाठकों के दिल में उतरने की कोशिश की है ।आशा करती हूँ ज्यादा से ज्यादा लोगों के दिलों में अपनी जगह बना सकूं... आप सभी पाठक गण का प्यार और आशीष मेरे लिये अपेक्षित है। धन्यवाद सहित.... श्रीमती उर्मिला श्योकन्द .... @urmil59#चित्कला
इज़हार पुस्तक के कवर पेज पर जो तन्जोर पेन्टिंग बनी है वह पुस्तक की लेखिका श्रीमती उर्मिला श्योकन्द द्वारा बनाई गई है। जिसमें semi precious stones and gold foil का इस्तेमाल किया गया है। यह कला दक्षिण के तन्जावुर गांव की प्रसिद्ध कलाओं में से एक है।
लेखन करना मेरा बचपन का सपना था ... जो अब मेरे परिवार के प्रोत्साहन तथा माँ-पापा के आशीष से पूर्ण हुआ... मै अपने लेखन को सीमाओं में नहीं बांध सकती है.. अपने चारों ओर जो देखती हूँ , महसूस करती हूँ , उसे अपने दिल के जज्बात के रूप में पन्नों पर उतारती हूँ ... विषय कोई भी हो ,सीधा और सरल लेखन ही पसन्द करती हूँ...ताकि आप सब के दिलों तक पहुंच सकूं। लेखन में अगर सरल शब्द हैं तो आम जन को आसानी से समझाया जा सकता है कि लेखक क्या कहना चाह रहा है ।