आज के इस बदलते युग में सच के मायने ही हम भूल बैठे है। चाहे मोहब्बत हो, चाहे किसी के लिए आँखों में इंतज़ार हो या देश के लिए भावनाये हो। ये मेरी पेशकश, आज के इस कड़वे सच को दर्शाती है जिस से हम सभी, कभी ना कभी वाकिफ़ तो होते है पर गुज़रते वक्त में हम हकीकतों को ही नज़रंदाज़ कर जाते है। शायद मेरी ये एक छोटी सी कोशिश आपके दिल को कुछ पल के लिए ही सही पर आपको आज की वास्तविकताओं से रूबरू ज़रूर करवा देगी।
विशाल पंवार का जन्म सहारनपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ और उन्होंने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी की और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की से स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की। वर्तमान में, वह एक अनुसंधान विद्वान, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, रुड़की में हैं और साथ ही साथ वे अपने लेखन करियर को संवार रहे हैं।