काव्याँजली एक स्वरचित पुस्तक है, जिसमें जीवन के अनेक भावों तथा परिस्थियों का समायोजन है। इसके अतिरिक्त यह भी सुनिशचित किया गया है कि यह पुस्तक सभी आयु वर्ग के लिये किसी न किसी रूप में उपयोगी सिद्ध हो ।
आरम्भ की कुछ कवितायें सौम्य भाव से प्रेरित हैं परन्तु आगामी कवितायों में जीवन के तीन महत्पूर्ण भावों— असमंजसता, असमर्थता एवं वास्तविकता का समावेष है। यह जीवन मन्थन के रूप का प्रतीक है। इसके अतिरिक्त कुछ कविताएं देश भक्ति एवं स्वाभिमान आदि भावों को प्रेरित करती हैं। कुछ कविताऐं व्यंगात्मक शैली का उदाहरण हैं तो कुछ कविताओं में आधुनिक परस्थितियों का सटीक वर्णन समावेशित है।
प्रस्तुत लेखन में यह प्रयास भी किया गया है कि राजभाषा का समयोचित प्रचार- प्रसार तथा भारतीयता समावेशित हो और यह आशा भी की जाती है कि यह पुस्तक भरतीयता को प्रचुर रूप सॆ प्रोतसाहित करते हुए पाठक के हृदय को वशीभूत करेगी तथा अपने ध्येय की सफलता प्राप्त करेगी।
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