सहज सामाजिक विषयों पर आधारित श्री मनोज कुमार श्रीवास्तव की “केंचुली” उनकी दस मनोहर व सरस कहानियों का एक उत्तम संकलन है, जिसमें जीवन के विविध रंग उकेरे गये हैं। कथाओं के पात्र हमारे अपने परिवेश में ही रचे बसे लगते हैं, अस्तु वे आपको अपने निकट न केवल महसूस होंगे वरन अपनी किसी निकटस्थ पगडंडी पर खड़े दिखाई भी दे जाएंगे। पुस्तक में प्रस्तुत कहानियाँ मनुष्य की सहज मनःस्थिति व स्वाभाविक प्रतिक्रियाओं का जीवंत उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। पुस्तक में शामिल कहानियों में आपको ड्रामा, छल, सस्पेन्स, इमोशन सब कुछ मिलेगा और वे देर तक आपके मन मस्तिष्क पर छाई रहेंगी, किन्तु इनसे दो चार तो आप कहानियों को पढ़कर ही हो पाएँगे।
ध्यातव्य है कि श्री श्रीवास्तव एक श्रेष्ठ कवि और साहित्यकार हैं, जिनकी कृतियाँ सदैव ही सराही जाती रही हैं।