श्रवण कुमार निहायत ही धूर्त ,फन ,मस्ती ,मज़ाक ही जिसकी जिंदगी है। कई साल पहले घर वालो को झांसा देकर मुंबई भाग गया था। उसका काम इधर का उधर ,उधर का इधर ,ठगी करना ,घर वाले, बाहर वाले,पड़ोसी, दोस्त हो या दुसमन, एक ही मकसद है लोगो को मुर्ख बना कर अपना उल्लू सीधा करना,एक बार गांव आने पर अपने दोस्त बल्लू को भी मुंबई लेजाकर बेंच देता है प्ले बॉय बना देता है। हास्य और मनोरंजन से भरपूर नाटक जिसमे हर संवाद आपको हंसा हंसा के लोट पोट कर देगा। श्रवण कुमार के कारनामे जानने केलिए पढ़िए "लम्पट'…
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