एक युवा प्रेम मे पागल है और वो अपने प्रेम को पा भी लेता है। पर क्या प्रेम का पा जाना ही उसकी नियति है? क्या प्रेम के कुछ ऐसे पहलू भी हैं जो अनदेखे अनजाने हैं? क्या उसका प्रेम स्थाई है?
क्या प्रेम हमेशा प्रतिकार चाहता है?
क्या होता है जब प्रेम का प्रतिकार न हो ?
क्या होता है जब प्रेम भटक जाए?
रहस्य और रोमांच से परिपूर्ण, प्रेम की तलाश में भटकते युवा मन के भटकाव की कहानी है "मैं तुमसे प्रेम करता हूँ।"
प्रस्तुत किताब प्रेम के अनछुए पहलुओं को दिखाती है। "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" प्रेम की अभिव्यक्ति है तो प्रेम के वास्तविक अर्थ को तलाशने की एक अदनी सी कोशिश भी है।
पेशे से इंजीनियर, 1982 मे पैदा हुये नवीन कुमार मूलतः जगदलपुर, छत्तीसगढ़ के निवासी हैं। इंजीनियरिंग मे स्नातक और प्रबंधन मे स्नातकोत्तर नवीन कुमार उदयमान लेखक और कवि हैं। बहुमुखी प्रतिभा संपन्न, कलम के धनी, नवीन जी, मानवीय भावनाओं को अपने लेखनी के माध्यम से कागज पर उकेरने मे सिद्धहस्त हैं। नवीन कुमार, काव्यात्मक भाषा शैली और दमदार लेखन से अपने पहले काव्य संग्रह "परिचय विहीन" और प्रकाशित किताब "प्रेम कहानी" और "कर्मा" से पाठकों के दिलों मे जगह बना चुके हैं।
एक इंजीनियर से कवि और लेखक का सफर तय कर चुके नवीन की चौथी प्रकाशित किताब है "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।"
"मैं तुमसे प्यार करता हूँ।" एक प्रेम कहानी है।एक ऐसे युवा की कहानी जो प्रेम मे पागल है और जिसे अपना प्रेम मिल भी जाता है पर क्या होता है जब वो अपना प्रेम खो देता है।
"मैं तुमसे प्यार करता हूँ। " घृणा, अविश्वास , मित्रता और प्रेम से परिपूर्ण, भावनाओं की एक अनोखी यात्रा है एक ऐसी यात्रा जो प्रेम के विभिन्न पहलुओं को दिखाती है ।
भावनाओं से सराबोर ये कहानी प्रेम की है प्रेम और प्रेम के प्रतिकार की है , युवा मन के भटकाव और सच्चे प्रेम की तलाश की है। ये हम सब की कहानी है आपकी भी और मेरी भी, आखिर हर व्यक्ति अपने जीवन में कभी न कभी किसी न किसी को जरूर कहता है कि "मैं तुमसे प्यार करता हूँ।"