शीर्षक - मेरी चुनिंदा ५१ कविताएँ
(मराठी और हिंदी)
लेखक - लक्ष्मीधर विनायकराव गावपांडे
कविता की इस पुस्तक में मैंने विभिन्न मराठी और हिंदी कविताएँ लिखी हैं। मैंने अपने अच्छे बचपन की यादों, मेरी टिप्पणियों, मेरे अनुभवों, मेरी भावनाओं और मेरे विचारों के बारे में कविताएं लिखी हैं जो आज अक्सर हम अपने समाज में देखते हैं।
मेरी मराठी और हिंदी कविताएँ विभिन्न विषयों पर आधारित है जो आपको बचपन से लेकर वृद्धावस्था तक के जीवन के हमारे अनुभवों की विस्तृत जानकारी देती हैं।
मुझे पूरी उम्मीद है कि ये कविताएँ आपके दिल को छू जाएंगी और अक्सर आपके अपने जीवन के अनुभवों से संबंधित होने का प्रयास कर सकती हैं।
मराठी कविताएँ
काजवे स्वप्नांचे , जय जय महाराष्ट्र माझा, निसर्गाचा भेदभाव, स्वातंत्र्य, विदूषक, पक्ष्यांची शाळा, नागपूरकर पुणेकर, माझी अविस्मरणीय शाळा, फुलपाखरू, नागपूरचा उन्हाळा, अक्षय तृतिया, शब्दाचे सामर्थ्य, पावसाळा, पक्ष्यासारखे असावे, कसे असावे, भंगलेले स्वप्न, शिक्षक, खडू फळा, बळीराजा, भिती या रात्रीची, माझे स्वप्नातले घर, कायापालट, जर सूर्य गिळला, विचित्र माणूस, एक चिऊ ताई, विसरू नकोस, आयुष्याचे कोडे, माणसात माणसे, माझ्या मित्रांची एक मेहफिल, मी नाही रिटायर्ड झालो, देशद्रोही, मन आता इथे रमत नाही, गुढीपाडवा.
हिंदी कविताएँ
हवाओ के रंग,डाकिया,रेल का सफर,एक जिंदगी का सफर, बचपन से फिर हुई मुलाकात,डोम्बारी का खेल, फूलों की मेहफिल, में कवि क्यूँ बनना चाहता हु, आये हम दिया जलाये, प्रभु ख़तम करो कोरोना,विषमता,भ्रष्टाचार,भारी पड़ेगा हर्षवर्धन हमारे राफेल के साथ,दिवाली और सरहद पर लड़ने वाला सिपाई, मकर संक्रांत, उरी की याद, वो मुहल्ले और वो गलिया, शहिद, दामिनी.