मेरी जीवन रेखा : कलम
वाकई ही साहित्य समाज का दर्शन है | ये वाक्य भले ही बहुत पहले कही गई होगी परन्तु इसका मूल महत्त्व आज भी उतना ही सार्थक सिद्ध होता है | यह पुस्तक एक संकलन है जिसमे कहानियो तथा कविताओ का अनूठा संकलन है | अधिकतर कहानियां संस्मरण तथा कल्पना पर आधारित है तथा कुछ लोककथाये भी इसमें सम्मिलित है जिसमे जनजातियो की रहन सहन संस्कृति, इतिहास कला की समझ इसमें उल्लेखित है | जो भारतीय समाज का मानो एक प्रतिबिम्ब के सामान ही आपको प्रतीत होगा |