बर्फ के जैसे पिघल जाता है
हर गम को सह जाता है
मेरा दिल भी भावनाओं में बह जाता है
चोरी चोरी चुपके चुपके
जाने क्या क्या जाता है
इस दिल को रख रही हूं मैं आपके सामने ये
मेरी सभी रचनाएं यही कहेंगी कि
कभी ना पीछे हटना
जरूरतमंद का हाथ थामने में
कोमल प्रजापति