युवा साहित्यकार श्री ओमप्रकाश गोंदुड़े 'पुष्पेय' का कहानी- संग्रह " नवोदय के रंग -- क़िस्से हास्टल के " समकालीन समाज में बच्चों के बचपन के एक विशेष पक्ष पर केंद्रित लघुकथा संग्रह है । आज के समाज में
हमारे ' बचपन ' का यह विशेष पक्ष है विद्यालयों में शिक्षार्जन के लिए युवा शिक्षार्थियों का विद्यालयों से संबद्ध छात्रावासों, अथवा हास्टलों , में प्रवास । ' पुष्पेय' की इस पुस्तक में, पुस्तक के शीर्षक के अनुरूप, एक स्कूल के हास्टल के जीवन का , विभिन्न रोचक प्रसंगों, घटनाओं व संदर्भों के माध्यम से, अत्यंत सजीव चित्रण है।
' पुष्पेय ' का यह कहानी - संग्रह वास्तव में उनके अपने छात्रावास - जीवन पर आधारित, उत्तम - पुरुष कथ्यालंकार में लिखित ,कथात्मक - संस्मरणों का संकलन है।
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