Share this book with your friends

Nizam Aur Razakaro Se Loha Lene Vaale Saath Hyderabadi Soorma / निज़ाम और रज़ाकारों से लोहा लेने वाले सात हैदराबादी सूरमा

Author Name: Arvind Yadav | Format: Hardcover | Genre : Biographies & Autobiographies | Other Details

महान सेनानियों – नारायण राव पवार, कोंडा लक्ष्मण बापूजी, कोदाटि नारायण राव, कंदि श्रीनिवास राव, पंडित कालीचरण, वंदेमातरम श्रीनिवास राव और विमला बाई मेलकोटे ने अरविन्द यादव से बातचीत के दौरान हैदराबाद मुक्ति आंदोलन के दौरान अपने आंदोलनकारी जीवन के सबसे महत्वपूर्ण दिनों की यादें ताज़ा की हैं। निज़ाम के हाथों शोषण, रज़ाकारों की यातनाओं के बारे में भी बताया है। ये सातों सेनानी अब इस दुनिया में नहीं हैं। इनकी शौर्य-गाथा इतिहास की कुछ क़िताबों में दर्ज है। अरविन्द ने इस पुस्तक के माध्यम से एक बार फिर इतिहास को पन्नों को खोला और देश के कुछ महान सपूतों से मौजूदा पीढ़ी का साक्षात्कार करवाया है। 

सात महान सेनानियों से अरविन्द यादव के साक्षात्कार सीमाबद्ध हैं और इनके ज़रिये अरविन्द यादव ने अपने पत्रकार दायित्व और सामाजिक दायित्व को बहुत ही अच्छे तरीक़े से निभाया है। इतिहास की दृष्टि से भी इन साक्षात्कारों का काफ़ी महत्व है। 

निखिलेश्वर 
प्रसिद्ध लेखक, कवि
बहुभाषाविद्, सामाजिक कार्यकर्ता

Read More...

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Ratings & Reviews

0 out of 5 (0 ratings) | Write a review
Write your review for this book

Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners

Also Available On

अरविन्द यादव

अरविन्द यादव पत्रकार और लेखक हैं। पत्रकार के नाते उन्होंने बहुत कुछ देखा, सुना और अनुभव किया है। काफी कहा और बहुत लिखा है। कथनी और लेखनी के जरिये असत्य, अन्याय, भ्रष्टाचार के खिलाफ उन्होंने लड़ाई लड़ी है और अब भी लड़ रहे हैं। समाज में दबे-कुचले लोगों के लिए किये जा रहे संघर्ष ने उन्हें पत्रकारों की फौज में अलग पहचान दिलायी है। पिछले दो-तीन सालों से उनका ज्यादा ध्यान ऐसे लोगों के बारे में कहानियाँ/लेख लिखने पर है, जो देश-समाज में सकारात्मक क्रांति लाने में जुटे हैं। कामयाब लोगों के जीवन से जुड़े अलग-अलग पहलुओं को जानना और उन्हें लोगों के सामने लाने की कोशिश करना अब इनकी पहली पसंद है।

अरविन्द साहित्यिक कहानियाँ भी लिखते हैं। आलोचना में भी उनकी गहन दिलचस्पी है। हिन्दी आलोचना की वाचिक परंपरा के हिमायती हैं।    

हैदराबाद में जन्में और वहीं पले-बढ़े अरविंद की सारी शिक्षा भी हैदराबाद में ही हुई। अरविन्द ने हिन्दी साहित्य, अंग्रेज़ी साहित्य, कानून, विज्ञान और मनोविज्ञान की पढ़ाई की।

वे दक्षिण भारत की राजनीति और संस्कृति के बड़े जानकार हैं। खबरों और कहानियों की खोज में कई गाँवों और शहरों का दौरा कर चुके हैं। यात्राओं का दौर थमने वाला भी नहीं है।

Read More...

Achievements

+13 more
View All