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Novel: pratishod / उपन्यासः प्रतिशोध

Author Name: Virendra Kumar Dewangan | Format: Paperback | Genre : Literature & Fiction | Other Details

पुस्तक-विवरण
 कुख्यात बदमाश विनोद पांडे के ‘बुलैट गैंग’ का खात्मा करने के लिए पुलिस उसकी कोठी में रेड करती है। मुठभेड़ में कतिपय पुलिसमैनों के द्वारा दगाबाजी करने से विनोद पांडे, एक डीएसपी, एक सबइंस्पेक्टर सहित 8 आरक्षकों को मौके पर ही मार डालता है। 
 वीरगति को प्राप्त डीएसपी की एक बेटी और सबइंस्पेक्टर का एक बेटा है, जो पीएससी से चयनित होकर नए-नवेले डीएसपी बने हैं। 
प्रशिक्षु पुलिस अधिकारीद्वव, जिस तरह की चतुराई व दिलेरी से ‘बुलेट गैंग’ का सफाया करते है और अपने पिता के कातिलों से प्रतिशोध लेते है, वही प्रस्तुत उपन्यास का रोमांच है। 
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वीरेन्द्र देवांगन

लेखक-परिचय
 लेखक शासकीय सेवा से सेवानिवृत्त हैं। उनकी तीन दर्जन से अधिक किताबें अमेजन किंडल, ब्लूरोज पब्लिकेशन एवं नोशन प्रेस में छपी हैं, जिनमें लघुकथाएं, व्यंग्य-रचनाएं, बालकथाएं, उपन्यास, जीवनियां और प्रबंध-निबंध प्रमुख हैं। 
उनके द्वारा रचित कृतियां विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होती रहती हैं। वे प्रतियोगिता पत्रिकाओं के लिए भी लिखते हैं।
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