जैसा की हम जानते है की पुलिस की समाज में दोहरी भूमिका होती है, जिसमें कानून एवं व्यवस्था बनाना और अपराध की रोकथाम करना प्रमुख है। इसके लिए पुलिस में प्रबंधन अपनाया जाता है जो की अपने आप में बहुआयामी प्रक्रिया है। यह पुस्तक पुलिस प्रबंधकों और नेतृत्व के हर स्तर, पुलिस थाने के एस.एच.ओ. व अन्य पर्यवेक्षणीय पुलिस अधिकारियों एवं कार्मिकों को एक बहुआयामी प्रबंधन पहलुओं का विस्तार से परिचय कराएगी, कि किस प्रकार पुलिस अधिकारी अपनी प्रबंधन कला एवं विज्ञान के बल पर समाज में व्याप्त अपराध की रोकथाम कर सकते है। साथ ही यह पुस्तक पुलिस साहित्य में रूचि रखने वाले शोधार्थियों एवं पाठकों के लिए एक बेजोड़ एवं मौलिक कृति सिद्ध होगी। पुस्तक कॉर्पोरेट जगत के हरेक पहलू का समावेश करती है कि किस प्रकार पुलिस अधिकारी अपने बेहतर परिवर्तनकारी नेतृत्व के माध्यम से पुलिस कार्मिकों को अभिप्रेरित कर सकते है। पुस्तक में पुलिस बलों के लिए प्रबंधन के सिद्धांतों के साथ–साथ , नेतृत्व, जवाबदेही, तकनीकी, मानव व्यवहार प्रबंधन, मानव संसाधन प्रबंधन, यातायात प्रबंधन, अपराध अनुसन्धान प्रबंधन व कोरोना संकट प्रबंधन के तरीकों एवं कानूनों का समावेश किया गया है। पुस्तक हमें भारत में पुलिस सुधार के लिए गठित आयोगों की सिफारिशों के साथ–साथ यू.एस.ए. व यू.के. की पुलिस व्यवस्था का तुलनात्मक विवेचन से अवगत करवाएगी। पुस्तक की खास विशेषता यह है कि, पुस्तक का प्राक्कथन इग्नू की लोक प्रशासन विषय की प्रोफेसर अलका धमेजा द्वारा लिखा गया है। आप लेखक डॉ. सिंह की पी.एच.डी. पर्यवेक्षक भी रही है।
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