यह पुस्तक एक ऐसी महिला की कहानी है जिन्हें दो बार कैंसर हुआ लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं मानी। ये हमेशा आगे बढ़ती रहीं। घर समाज के सभी कार्यों को करते हुए अपने जीवम को सही आयाम दिया। आज ये सफल महिला के रूप में समाज में एक स्थान पा चुकी हैं। अत: यह पुस्तक सभी को प्रेरणा देती है की हमें कभी हार नहीं माननी चाहिए। परिस्थितियाँ कैसी भी हों हमें हिम्मत से काम लेना चाहिए।