सपनों की मेरी उड़ान बड़ी हो,
चिड़िया नहीं, चील सी पहचान मेरी हो...
इस कविता संग्रह में उस व्यक्तित्व को दर्शा रहा हूँ, जिस के बिना ज़िन्दगी के कोई मायने नहीं हैं। वह सोच जो हमे ज़िन्दगी के हर स्वरूप को हर हाल में जीने के लिए प्रेरित करती है। वही तो है हमारी "सपनों की उड़ान" जिसे मैंने अपनी एक कविता में कहने की कोशिश की है...
"एक सपना होना ज़रूरी है"
ठंडी छाँव में रह कर नहीं कोई पेड़ बढ़ते,
तपती लौ में झुलस कर ही तो आकार है बनते।
जीवन की कटु सच्चाई यह भी तो है, कि एक पल में खुशी तो दूजे में ग़मों की रहनुमाई है। मगर यह भी सच है कि जिस व्यक्ती ने ग़मों को ना महसूस किया हो, उसे सुखों की कीमत भी कहाँ समझ आयी है। जीवन सारांश को समझाना और खुल के जीने के लिए प्रेरित करना ही इस कविता संग्रह में मेरा मकसद है...
मिली है ज़िन्दगी तो कर्म कुछ ऐसा करना,
कि ज़िक्र तुम्हारा, तुम्हारे जाने के बाद भी रुके नहीं...