सवरा जनजाति भारत मे निवासरत प्राचीनतम जनजातियों मे से एक है। सवरा भारत के सभी प्रमुख राज्यों मे अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हैं। जहाँ उड़ीसा, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश मे ये बहुतायत मे हैं वहीं बंगाल, झारखंड, असम मे भी इनकी अच्छी खासी आबादी पाई जाती है। महान सवरा जाति कई उपजातियों व वर्गों मे भी विभाजित है। सवरा अपनी विशिष्ट संस्कृति, रीति रिवाज, कला और जीवनशैली के लिए प्रसिद्ध हैं।
प्रस्तुत किताब भारत की प्राचीनतम महान जनजाति, सवरा जनजाति के बारे मे जानकारी प्रदान करती है। सवरा एक कृषि प्रधान जाति है। जल, जमीन और जंगल सवरा लोगों के प्राण है। वर्षों से अपनी संस्कृति और रीति रिवाजों को सहेजे सवरा जनजाति आज बदलाव के दौर से गुजर रही है। इस किताब के जरिए सवरा जनजाति की जीवन पद्धति, खानपान, रीति रिवाज, कला और संस्कृति के बारे मे बताने का अनूठा प्रयास किया गया है।