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Taana - Baana / ताना - बाना जज़्बातों के कुछ उलझे से धागे

Author Name: Dr. Sonal Bhatia Randhawa | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

पंखों से अल्फ़ाज़ मेरे 

ख़यालों की परवान लिए

आज़ाद परिंदों सी हैं 

हैं सब नज़्म मेरी 

मेरे जज़्बातों की परवाज़ लिए .......

परिभाषा,व्याकरण और शैली के दायरों से परे शुष्क सफ़ेद कोट के अंदर छुपी हुई इंद्रधनुषी भावनाओं से बुना हुआ कुछ हृदयस्पर्शी कविता-कहानियों का ताना बाना। स्त्री के कोमल मगर स्थिर व सबल स्वभाव का सजीव चित्रण।

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डॉ.सोनल भाटिया रंधावा

पेशे से चकित्सक डॉ.सोनल भाटिया रंधावा काफ़ी समय से विविध डिजिटल मीडिया पर हिंदी व अंग्रेज़ी  में लिखती रही हैं। भावनात्मक,दार्शनिक और सामाजिक विषयों पर लिखने में उनकी विशेष रुचि है। वह स्त्री सशक्तिकरण की प्रबल समर्थक  है और इसका प्रभाव उनकी कविता कहानीयों में भी झलकता है।

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