हमारे आसपास कई चीजें ऐसी होती है जो अगर गलती से भी हमारे संपर्क में आ जाए तो वह हमारे लिए जानलेवा खतरा बन सकती है। हमे बचपन से ही अनजान और संदिग्ध वस्तु ओं से दूर रहने को सिखाया जाता है। हम बचपन से सीखी आदत का पालन भी करते है पर कभी कभी ऐसी परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है की हम अनजाने में उस हानिकारक चीज के पास खींचे चले जाते है।
कुछ कहानियों में ऐसा भी होता है की हम उस हानिकारक चीज के पास न जाए, अपितु वह हमारे पास आ जाए। अगर ऐसा होता है तो उसे हम केवल नियति का ही नाम दे सकते है
"मुझसे दूर रहना, मैं तुम्हारी मौत हु…."
अच्छा होता अगर ऐसी चेतावनी किसी चीज पर लिखी होती पर अफसोस कभी भी ऐसा नहीं होगा। वह तो आपके जीवन में आने के बाद ही आपको पता चलेगा कि आप एक जान लेवा मुसीबत में फंस चुके हों।
हमारी यह कहानी भी कुछ इस प्रकार ही शुरू होती है। सभी पात्र अपनी अपनी जिंदगी अपनी मर्जी से जी रहे होते है। अचानक से उनकी जिंदगी में एक तूफान आता है। यह तूफान उन सभी की जिंदगी को उलट पुलट कर देता है।
कई लोग अपने प्राण भी खो देते है। और कई लोगों के जीवन में से शांति और खुशी छीन जाती है और जीवन हर कदम पर जान लेवा खतरो से भर जाता है।
प्रस्तावना में ही अगर कहानी का अंश शामिल कर लिया तो पढ़ते वक्त शायद आपको इतना रोमांच महसूस न हो। इसलिए तैयार हो जाओ एक नए रोमांच और डर से भरे हुए सफर के लिए। यह डरावना और रहस्यमय सफर आपके रोंगटे खड़े कर देगा।
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