बिना उदेश्य का मानव बिना पतवार की नौका के समान होता है |
इस जग में आपको दो तरह के इंसान मिलते हैं-
पहले वो जो आत्मविश्वास के साथ यह कह सकते हैं कि मै स्वयं की नौका का ड्राईवर हूं
और दूसरे वो जो स्वयं को बिना पतवार की नौका के समान महसूस करते हैं।
अगर आप दूसरी तरह के इंसान की श्रेणी में हो तो आपने इस ईबुक को पढ़ने का सही निर्णय लिया है। यही आपके उद्देश्य को पहचानने की सबसे पहली सीढ़ी है। इसके अध्ययन के बाद आप अपने उद्देश्य का स्टेरिंग खुद घुमा सकोगे।