क्या आप देश के वर्तमान हालातों से असंतुष्ट है? क्या देश की गरीबी, बेरोज़गारी की समस्या, नारियों की दुर्दशा, धार्मिक और सांप्रदायिक झगडे, शिक्षा की असफलता , युवा पीढ़ी की दिशाहीनता जैसे प्रश्न आपको भी परेशान करते है? क्या आप जानना चाहते है कि हमारे स्वतंत्रता -संग्राम के महापुरुष और क्रांति कारी इन समस्याओं के बारें में क्या सोचते थे? लेखक
की २ साल की कड़ी मेहनत और सैकड़ों दुर्लभ पुस्तकों से किये गये शोध के परिणाम के रूप में यह किताब आपके सामने है। लेखक का दावा है कि इस किताब को पढ़ने और इस पर सोचनें के बाद आप वही व्यक्ति नहीं रह जाएँगे जो आप किताब पढ़ने के पहले थे, क्योंकि जो राष्ट्रीय समस्याएँ आपको अब तक परेशान कर रही थी उन सभी के उत्तर इस किताब में आपको मिल जायेंगे।
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners
Sorry we are currently not available in your region. Alternatively you can purchase from our partners