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Zindagi, Ishq aur Main / ज़िंदगी, इश्क़ और मैं

Author Name: Omi Jha | Format: Hardcover | Genre : Poetry | Other Details

बेसबर, बेआबरू है आदमी
किसी का दर्द, किसी की आरज़ू है आदमी
ढूंढ़ता रहता है न जाने क्या बाहर
ख़ुद के भीतर ही तो ठहरता नहीं है आदमी

“ज़िंदगी, इश्क़ और मैं” सिर्फ़ एक काव्य-संग्रह नहीं, बल्कि एक आत्म-यात्रा है, जो इश्क़, ज़िंदगी, समाज और आत्म-खोज की बेचैन यात्राओं को स्वर देता है।एक पल आप किसी की आँखों में डूब जाते हैं, और अगले ही पल भीड़ में खुद को अकेला पाते हैं। यह संग्रह आपको अपने भीतर झाँकने पर मजबूर करेगा—और शायद आपके अँधेरे में भी एक नया सूरज उगा दे।

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ओमी झा

ओमी झा का जन्म बिहार के छोटे से शहर मुज़फ़्फ़रपुर में हुआ। पेशे से सॉफ़्टवेयर इंजीनियर और वर्तमान में बेंगलुरु
में रह रहे ओमी, दिल से हमेशा कवि रहे हैं। उनकी कविताएँ लोगों और जीवन के गहरे अवलोकन से जन्म लेती
हैं—जहाँ इश्क़ और आत्म-खोज के साथ-साथ समाज और आदमी पर तीखे कटाक्ष भी दिखाई देते हैं। उनकी पहली
कविता ‘भूख’ मात्र बीस वर्ष की उम्र में एक स्थानीय पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। ‘ज़िंदगी, इश्क़ और मैं’ उनका
पहला प्रकाशित संग्रह है।

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