रोम आज ईसाइयत का एक मुख्य केंद्र है, लेकिन वह वैभवशाली रोमन साम्राज्य ईसाई नहीं था, जिसमें जूलियस सीजर और नीरो जैसों ने राज किया। जैसा कहा जाता है- रोम एक दिन में नहीं बना। कई बार ग
रोम आज ईसाइयत का एक मुख्य केंद्र है, लेकिन वह वैभवशाली रोमन साम्राज्य ईसाई नहीं था, जिसमें जूलियस सीजर और नीरो जैसों ने राज किया। जैसा कहा जाता है- रोम एक दिन में नहीं बना। कई बार ग
सन सत्तावन पर सैकड़ों किताबें लिखी गयी, और आज भी लिखी जा रही है। मंगल पांडे के कोर्ट मार्शल में शब्दशः क्या हुआ था? क्या तात्या टोपे को पकड़ने में ब्रिटिश सफल रहे? सिंधिया का ब्रि
सन सत्तावन पर सैकड़ों किताबें लिखी गयी, और आज भी लिखी जा रही है। मंगल पांडे के कोर्ट मार्शल में शब्दशः क्या हुआ था? क्या तात्या टोपे को पकड़ने में ब्रिटिश सफल रहे? सिंधिया का ब्रि
अस्सी का दशक राजनीतिक करवटों का दशक है। इंदिरा गांधी के परिवार के अंदर और बाहर चल रही हलचल भारतीय राजनीति पर भी प्रभाव डाल रही थी। भारतीय जनता पार्टी का उदय भविष्य की बिसात तय कर
अस्सी का दशक राजनीतिक करवटों का दशक है। इंदिरा गांधी के परिवार के अंदर और बाहर चल रही हलचल भारतीय राजनीति पर भी प्रभाव डाल रही थी। भारतीय जनता पार्टी का उदय भविष्य की बिसात तय कर
डार्विन का सिद्धांत जितना महत्वपूर्ण रहा, उतना ही विवादित भी। जिसे मानना और खारिज करना, दोनों ही मुश्किल रहा। इस सिद्धांत की यात्रा हमें ऐसी दृष्टि देती है, जो हर मनुष्य में छु
डार्विन का सिद्धांत जितना महत्वपूर्ण रहा, उतना ही विवादित भी। जिसे मानना और खारिज करना, दोनों ही मुश्किल रहा। इस सिद्धांत की यात्रा हमें ऐसी दृष्टि देती है, जो हर मनुष्य में छु
कभी भारत के लोगों को कहा गया था कि वे मशीनी दुनिया के लिए नहीं बने। उनमें यंत्र बनाने की क्षमता ही नहीं। जब ऐसा कहा जा रहा था, उस वक्त भी भारत में वह तरंगें मौजूद थी। भारत इंजीनिय
कभी भारत के लोगों को कहा गया था कि वे मशीनी दुनिया के लिए नहीं बने। उनमें यंत्र बनाने की क्षमता ही नहीं। जब ऐसा कहा जा रहा था, उस वक्त भी भारत में वह तरंगें मौजूद थी। भारत इंजीनिय
नॉर्वे को दुनिया के खुशहाल देशों में गिना जाता है। लेखक इस तफ़तीश पर निकलते हैं कि आख़िर यह देश वाक़ई खुशहाल है या ख़ुशहाली एक भ्रम है। क्या भारत इन देशों से कुछ सीख सकता है या ये
नॉर्वे को दुनिया के खुशहाल देशों में गिना जाता है। लेखक इस तफ़तीश पर निकलते हैं कि आख़िर यह देश वाक़ई खुशहाल है या ख़ुशहाली एक भ्रम है। क्या भारत इन देशों से कुछ सीख सकता है या ये
यह पुस्तक ‘उल्टी गंगा’ लेखक की पहली कथाओं का संकलन हैं। ऐसी कथाओं के, जो लेखक स्वयं दुबारा नहीं लिख पाए। लेखक का दावा है कि इस पुस्तक के दो प्रकाशक इसे छापने के बाद डूब गये।
यह पुस्तक ‘उल्टी गंगा’ लेखक की पहली कथाओं का संकलन हैं। ऐसी कथाओं के, जो लेखक स्वयं दुबारा नहीं लिख पाए। लेखक का दावा है कि इस पुस्तक के दो प्रकाशक इसे छापने के बाद डूब गये।