Share this book with your friends

1857 Hamne Sunee Kahanee Thee / 1857 हमने सुनी कहानी थी

Author Name: Praveen Kumar Jha | Format: Paperback | Genre : History & Politics | Other Details

सन सत्तावन पर सैकड़ों किताबें लिखी गयी, और आज भी लिखी जा रही है। मंगल पांडे के कोर्ट मार्शल में शब्दशः क्या हुआ था? क्या तात्या टोपे को पकड़ने में ब्रिटिश सफल रहे? सिंधिया का ब्रिटिशों से मिला होना किस तरह देखा जा सकता है? आखिरी मुगल बादशाह की भूमिका क्या थी? वयोवृद्ध कुंवर सिंह ने किन हालातों में कमान संभाली? नाना साहेब के साथ अंततः क्या हुआ? रानी लक्ष्मीबाई के बारे में अंग्रेजों ने क्या लिखा? क्या यह संग्राम किसी अर्थ में सफल था या अंग्रेजों द्वारा इसे सिपाही विद्रोह कहना उचित? इन प्रश्नों के उत्तर तलाशते हुए यह किताब बनती चली गयी। बॉन्जुरी प्रोजेक्ट की एक और पेशकश आपके समक्ष।

Read More...
Paperback

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
Write your review for this book
Paperback 399

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

प्रवीण कुमार झा

प्रवीण कुमार झा विविध रुचि के लेखक हैं, जिनकी हर पुस्तक अलग ही कलेवर है। उनकी चर्चित पुस्तक ‘कुली लाईंस’ (वाणी प्रकाशन) गिरमिटिया इतिहास पर गम्भीर शोध है, वहीं ‘वाह उस्ताद’ (राजपाल प्रकाशन) हिंदुस्तानी संगीत घरानों का क़िस्सों के माध्यम से इतिहास है जिसे 2021 में ‘Book Of The Year’ (कलिंग लिटरेचर फ़ेस्टिवल) से सम्मानित किया गया। नॉर्वे की संस्कृति पर आधारित एक रोचक पुस्तक है- ‘ख़ुशहाली का पंचनामा’।

Read More...

Achievements

+12 more
View All