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हर्षित अग्रवाल उस पवित्र और आध्यात्मिक स्थान काशी से हैं जो इतिहास से भी अधिक पुरानी है | उन्होने लफ़्ज़ से पहले तीन किताबें और लिखी है - “ELECTROID ‘THE SPARKY HERO’ ”, “PYAR KE PANCHI” और “ALFAAZ : EK DARD, KHUSHI AUR DASTAAN” | पहली किताब सुपरहीरो पर आधारित हैं और दूसरी एवं तीसRead More...
हर्षित अग्रवाल उस पवित्र और आध्यात्मिक स्थान काशी से हैं जो इतिहास से भी अधिक पुरानी है | उन्होने लफ़्ज़ से पहले तीन किताबें और लिखी है - “ELECTROID ‘THE SPARKY HERO’ ”, “PYAR KE PANCHI” और “ALFAAZ : EK DARD, KHUSHI AUR DASTAAN” | पहली किताब सुपरहीरो पर आधारित हैं और दूसरी एवं तीसरी किताब शायरी पर आधारित हैं ।
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वो इंतज़ार किसी के वापस आने का, जब याद का लम्हा बन जाता हैं । फिर वो दर्द शिक़वों में बदल जाता हैं और ये एहसास जब शब्द के माध्यम से काग़ज़ पे तराशे जाते हैं, तब शायद इसलिए आज इस लफ़्ज
वो इंतज़ार किसी के वापस आने का, जब याद का लम्हा बन जाता हैं । फिर वो दर्द शिक़वों में बदल जाता हैं और ये एहसास जब शब्द के माध्यम से काग़ज़ पे तराशे जाते हैं, तब शायद इसलिए आज इस लफ़्ज़ का जन्म हुआ हैं । लफ़्ज़ सिर्फ़ एक शायरी की किताब नहीं है, ये वो शब्द है जो साथ में पिरो के अल्फ़ाज़ बन जाते हैं और ये वो शब्द है जो मन की गहराई में छुपे थे पर कभी ज़ुबान पर नहीं आये, ये मेरे जज़्बात हैं । शायरी एक ऐसा ज़रिया हैं जिससे हम अपने दिल की आवाज़ को कम से कम लफ़्ज़ में बया कर सकते हैं, इन 4 पंक्तियों को मोती कहा जाये तो ये 400 शब्दों की मोतियों का अनुभव कराती है । लफ़्ज़ की कहानी कुछ ऐसी ही है, कम से कम शब्दों में काफ़ी कुछ बया करने का प्रयास किया हैं । लफ़्ज़ में आपको प्यार, दर्द, बेवफ़ाई, यादें और मेरे कान्हा जी, सब मिलेंगे, उम्मीद है आप सबको ये किताब पढ़ के अपने मन में क़ैद तसव्वुर को उड़ने का मौक़ा मिले और आप अपने लफ़्ज़ों को खुल के बया कर सके, तो चलते हैं “लफ़्ज़ - एक याद, शिक़वा और एहसास” के इस खूबसूरत सफ़र पर, मुझे यक़ीन हैं आप इस सफ़र को बेहद पसंद करेंगें।
वो इशारो मे कहने लगे थे और हम उनके इशारो को समझने लगे थे,शायद इसलिए इतनी नासमझी कर बैठे | या तो बाते नहीं थी या उनको कहने के लिए शब्द की कमी थी हमारे बीच,शायद इसलिए आज इस अल्फ़ाज़ का ज
वो इशारो मे कहने लगे थे और हम उनके इशारो को समझने लगे थे,शायद इसलिए इतनी नासमझी कर बैठे | या तो बाते नहीं थी या उनको कहने के लिए शब्द की कमी थी हमारे बीच,शायद इसलिए आज इस अल्फ़ाज़ का जन्म हुआ है |
‘अल्फ़ाज़’ सिर्फ एक शायरी की किताब नहीं है, ये वो शब्द है जो मेरे मन में तो थे पर कभी होठों पर नहीं आ पाए, ये मेरे एहसास हैं |
शायरी एक ऐसा ज़रिया है जिसके माध्यम से आप गहरी से गहरी बातें कम से कम अल्फ़ाज़ में बयां कर सकते हैं, कभी-कभी 4 पंक्तियों में 400 शब्दों का मतलब छुपा होता है | अल्फ़ाज़ की कहानी भी कुछ ऐसी ही है,कम शब्दों में काफी कुछ कहने की कोशिश की है |
अल्फ़ाज़ में आपको प्यार,दोस्ती,बेवफाई,हिम्मत और मेरे कान्हा जी,सब मिलेंगे,उम्मीद है आप सबको इस किताब से अपने मन में क़ैद ख्यालों को पंख देने का मौका मिले और आप अपने अल्फ़ाज़ खुल कर बयां कर सके,
तो चलते हैं “अल्फ़ाज़ - एक दर्द,ख़ुशी और दास्तान” के इस ख़ूबसूरत सफर पर,मुझे यकीन हैं आप इस सफर को बेहद पसंद करेंगे |
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