वो इशारो मे कहने लगे थे और हम उनके इशारो को समझने लगे थे,शायद इसलिए इतनी नासमझी कर बैठे | या तो बाते नहीं थी या उनको कहने के लिए शब्द की कमी थी हमारे बीच,शायद इसलिए आज इस अल्फ़ाज़ का जन्म हुआ है |
‘अल्फ़ाज़’ सिर्फ एक शायरी की किताब नहीं है, ये वो शब्द है जो मेरे मन में तो थे पर कभी होठों पर नहीं आ पाए, ये मेरे एहसास हैं |
शायरी एक ऐसा ज़रिया है जिसके माध्यम से आप गहरी से गहरी बातें कम से कम अल्फ़ाज़ में बयां कर सकते हैं, कभी-कभी 4 पंक्तियों में 400 शब्दों का मतलब छुपा होता है | अल्फ़ाज़ की कहानी भी कुछ ऐसी ही है,कम शब्दों में काफी कुछ कहने की कोशिश की है |
अल्फ़ाज़ में आपको प्यार,दोस्ती,बेवफाई,हिम्मत और मेरे कान्हा जी,सब मिलेंगे,उम्मीद है आप सबको इस किताब से अपने मन में क़ैद ख्यालों को पंख देने का मौका मिले और आप अपने अल्फ़ाज़ खुल कर बयां कर सके,
तो चलते हैं “अल्फ़ाज़ - एक दर्द,ख़ुशी और दास्तान” के इस ख़ूबसूरत सफर पर,मुझे यकीन हैं आप इस सफर को बेहद पसंद करेंगे |
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