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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palअनुप्रिता ऊर्फ डॉ. संगीता देवयानी गोविंदराव आवचार का जन्म 9 जुलाई 1976 को परभणी, महाराष्ट्र में हुआ है। वह कै. सौ. कमलताई जामकर महिला महाविद्यालय, परभणी में प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत है तथा अँग्रेजी विभागाध्यक्ष भी है। उनकी प्Read More...
अनुप्रिता ऊर्फ डॉ. संगीता देवयानी गोविंदराव आवचार का जन्म 9 जुलाई 1976 को परभणी, महाराष्ट्र में हुआ है। वह कै. सौ. कमलताई जामकर महिला महाविद्यालय, परभणी में प्रधानाचार्य के रूप में कार्यरत है तथा अँग्रेजी विभागाध्यक्ष भी है। उनकी प्रकाशित ग्रंथसंपदा में "शिंपल्यातील मोती" और "लॉकडाऊन ची ऐसी तैसी" यह दो मराठी काव्यसंग्रह, "Catharsis of a Caring Soul" यह अँग्रेजी काव्यसंग्रह, "नोबेल विजेत्या कवींच्या कवितांचा मराठी अनुवाद" यह चुनिंदा नोबेल रचनाकारों का मराठी अनुवाद संग्रह, "मायेची सावली कमलताई - बाई" यह मराठी चरित्रग्रंथ शामिल है।
इसके अलावा कई संपादित काव्यसंग्रह और शोध पत्रिकाओं में उनकी मराठी, हिंदी एवं अँग्रेजी रचनाएँ प्रकाशित हो चुकी है। कई आंतरजाल माध्यम से भी वह रचनाएँ प्रकाशित कर चूकी हैं। अलग अलग समाचारपत्रों से उनकी काव्यविधा तथा वैचारिक लेखन पाठकों को रिझाता रहता है। कविसम्मेलन और संगोष्ठी द्वारा भी वह रचनाओं की प्रस्तुति करती रहती है। साहित्य में उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई सम्मान प्राप्त हुए हैं।
“Anuprita” alias Dr. Sangeeta Devayani Govindrao Avachar chairs the position of Principal in Charge, and Head of the Department of English at Late Sow Kamaltai Jamkar Mahila Mahavidyalaya, Parbhani, Maharashtra. She is a trilingual poetess of Marathi, Hindi and English as well as an inter-lingual translator for these three languages. Her published works include Catharsis of a Caring Soul - English Poetry, Shimplyatil Moti - Marathi Poetry, Lockdown chi Aisi Taisi - Marathi Poetry, Mayechi Sawli Kamaltai - Biographical Writing in Marathi, Jagatik Nobel Kavi : Jagatik Nobel Vijetya Kavinchya Kavitancha Marathi Anuvad, translation of Nobel Laureate Poets into Marathi from English. She writes through newspapers on diverse topics such as environment, education, social issues etc. Her doctoral research is based on Ecofeminsm. She continues her research mostly in the field of Ecofeminsm. Her poems in Marathi, Hindi and English have been published in various anthologies, collections and online platforms. She delivers talks on diverse topics mainly focusing on environment and societal issues. She received many accolades and awards for her contribution to the field of creative writings.
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"अग्निपरीक्षा" रचनाकार अनुप्रिता ऊर्फ डॉ. संगीता देवयानी गोविंदराव आवचार का प्रथम हिंदी भाषिक काव्यसंग्रह है। अनुप्रिता मराठी, हिंदी एवं अँग्रेजी भाषाओं की रचनाकार है। वह इन
"अग्निपरीक्षा" रचनाकार अनुप्रिता ऊर्फ डॉ. संगीता देवयानी गोविंदराव आवचार का प्रथम हिंदी भाषिक काव्यसंग्रह है। अनुप्रिता मराठी, हिंदी एवं अँग्रेजी भाषाओं की रचनाकार है। वह इन तीन भाषाओं में किसी भी भाषा से किसी भी भाषा में अनुवादक भी है। इसके अलावा वह विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय विषयों पर नियमित अंतराल से लिखती रहती है। उनका काव्यसंग्रह "अग्निपरीक्षा" जागरण लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लिखी रचनाओं का संस्करण है। इसमें सम्मिलित रचनाएँ एक ओर स्त्रीवाद, पर्यावरण, मानवतावाद आदि विषयों पर रोशनी डालने का प्रयास करती है तो दूसरी ओर मानव के व्यवहार से आहत होकर उसके व्यवहार में सुधार लाने की आशा करती है। अँग्रेजी साहित्य में पर्यावरणीय स्त्रीवाद पर विद्यावाचस्पती होने के बाद पर्यावरण एवं मानवता के लिए कलम चलाने की कोशिश जारी रखते हुए अनुप्रिता आपकी सेवा में उपस्थित है!
"अग्निपरीक्षा" रचनाकार अनुप्रिता ऊर्फ डॉ. संगीता देवयानी गोविंदराव आवचार का प्रथम हिंदी भाषिक काव्यसंग्रह है। अनुप्रिता मराठी, हिंदी एवं अँग्रेजी भाषाओं की रचनाकार है। वह इन
"अग्निपरीक्षा" रचनाकार अनुप्रिता ऊर्फ डॉ. संगीता देवयानी गोविंदराव आवचार का प्रथम हिंदी भाषिक काव्यसंग्रह है। अनुप्रिता मराठी, हिंदी एवं अँग्रेजी भाषाओं की रचनाकार है। वह इन तीन भाषाओं में किसी भी भाषा से किसी भी भाषा में अनुवादक भी है। इसके अलावा वह विभिन्न सामाजिक और पर्यावरणीय विषयों पर नियमित अंतराल से लिखती रहती है। उनका काव्यसंग्रह "अग्निपरीक्षा" जागरण लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए लिखी रचनाओं का संस्करण है। इसमें सम्मिलित रचनाएँ एक ओर स्त्रीवाद, पर्यावरण, मानवतावाद आदि विषयों पर रोशनी डालने का प्रयास करती है तो दूसरी ओर मानव के व्यवहार से आहत होकर उसके व्यवहार में सुधार लाने की आशा करती है। अँग्रेजी साहित्य में पर्यावरणीय स्त्रीवाद पर विद्यावाचस्पती होने के बाद पर्यावरण एवं मानवता के लिए कलम चलाने की कोशिश जारी रखते हुए अनुप्रिता आपकी सेवा में उपस्थित है!
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