Share this book with your friends

21vi sadi ka superhero - "Tilakyogi" / 21वीं सदी का सुपरहीरो - ‘‘तिलकयोगी’’

Author Name: Abhishek Shrivastava | Format: Paperback | Genre : Young Adult Fiction | Other Details

क्या हो यदि आपके सपनों में दिखाई देने वाले दृश्य केवल कल्पना न हों...
बल्कि किसी और लोक से आने वाले संदेश हों?

तिलक, एक साधारण सॉफ्टवेयर इंजीनियर।
उसकी ज़िन्दगी ऑफिस के प्रोजेक्ट्स, कोडिंग और घर-परिवार के बीच गुजर रही थी।
लेकिन एक रात—एक ट्रेन यात्रा, एक जंगल और एक रहस्यमयी योगी के दर्शन ने सबकुछ बदल दिया।

धीरे-धीरे उसके सपने वास्तविकता से मिलने लगे।
अंधकार की अदृश्य शक्तियाँ शहरों को निगलने लगीं।
लोग भय, क्रोध, ईर्ष्या और हिंसा के वशीभूत होकर पागलपन की ओर बढ़ रहे थे।
और तभी जन्म हुआ—“तिलकयोगी” का।

नीले वस्त्र, गेरुआ चोगा और अग्नि-तिलक से सुसज्जित यह नायक केवल एक सुपरहीरो नहीं,
बल्कि आध्यात्मिकता और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है।
उसकी शक्ति हथियारों से नहीं, बल्कि ध्यान, साधना और सकारात्मक ऊर्जा से आती है।

यह पुस्तक केवल एक रोमांचक कथा नहीं है—
यह पाठक को यह अनुभव कराती है कि नकारात्मकता चाहे कितनी भी प्रबल क्यों न हो,
सकारात्मकता की एक चिंगारी सम्पूर्ण अंधकार को समाप्त कर सकती है।

✨ “तिलकयोगी” में आपको मिलेगा—

रहस्यमयी स्वप्न और उनका छिपा अर्थ।
आधुनिक शहरों में फैलता अंधकार और उससे जूझता एक नायक।
प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान और 21वीं सदी के संघर्षों का संगम।
एक ऐसी यात्रा, जहाँ विज्ञान और अध्यात्म मिलकर मानवता के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

Read More...
Paperback

Ratings & Reviews

0 out of 5 ( ratings) | Write a review
shriabhi79

Delete your review

Your review will be permanently removed from this book.
★★★★★
Paperback 165

Inclusive of all taxes

Delivery

Item is available at

Enter pincode for exact delivery dates

Also Available On

अभिषेक श्रीवास्तव

डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव
(सहायक प्राध्यापक)

डॉ. अभिषेक श्रीवास्तव शिक्षा और अध्यापन के क्षेत्र में एक प्रतिष्ठित नाम हैं। वाणिज्य के प्राध्यापक होने के साथ-साथ वे लेखन और शोध की दुनिया में भी अपनी गहरी छाप छोड़ चुके हैं। डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, शिक्षा और आध्यात्मिकता पर उनके अनेक शोध लेख राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रकाशित हो चुके हैं।

उनकी लेखनी केवल अकादमिक दायरे तक सीमित नहीं है, बल्कि रहस्य, अध्यात्म और मानवीय चेतना के गहन आयामों को भी छूती है।
यही कारण है कि उनकी यह कृति—“तिलकयोगी”—पारंपरिक ‘सुपरहीरो’ की परिभाषा को बदल देती है। यह केवल एक साहसिक कथा नहीं, बल्कि आध्यात्मिक ऊर्जा, मानव-मन और सृष्टि की अनंत संभावनाओं की खोज है।

डॉ. श्रीवास्तव का मानना है कि—
“हर इंसान के भीतर एक तिलकयोगी है, बस जरूरत है अपने भीतर छिपी सकारात्मक शक्ति को पहचानने की।”

उनकी लेखनी में आधुनिक युग के तकनीकी परिदृश्य और भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का अद्भुत संगम दिखाई देता है।
इस पुस्तक के माध्यम से वे पाठकों को यह एहसास कराते हैं कि—
“सुपरहीरो केवल कल्पना में नहीं, बल्कि हमारी चेतना में भी जन्म ले सकता है।”

Read More...

Achievements

+9 more
View All