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Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh PalBorn : 27 January 1979.Author of :Ek Vichaar, Kahaniyo ki duniya aisi bhi, 21vi sadi ka superhero-“Tilakyogi”, Kabila, Lottery,Ghadi ki wo sui. Maharaj Chitragupt Rahasyamayi Yatra 2020 N.P.A.- Impact on Private & Public Sector Banks Financial Accounting with Tally.ERP9 (In Hindi) Advanced Accounting with Tally ERP9 (Practical Problems & Solutions) Rahasyamayi Lucky Draw Sirfiree Kahaniya Doud abhi jaari thi Education : Ph.D. M.Com. (E-Commerce), M.Sc. (Computer Science), Accounting Technician (Certified by Institute of Chartered Accountant of India New Delhi)Read More...
Born : 27 January 1979.
Author of :
Ek Vichaar,
Kahaniyo ki duniya aisi bhi,
21vi sadi ka superhero-“Tilakyogi”,
Kabila,
Lottery,
Ghadi ki wo sui.
Maharaj Chitragupt
Rahasyamayi Yatra 2020
N.P.A.- Impact on Private & Public Sector Banks
Financial Accounting with Tally.ERP9 (In Hindi)
Advanced Accounting with Tally ERP9 (Practical Problems & Solutions)
Rahasyamayi Lucky Draw
Sirfiree Kahaniya
Doud abhi jaari thi
Education :
Ph.D.
M.Com. (E-Commerce),
M.Sc. (Computer Science),
Accounting Technician (Certified by Institute of Chartered Accountant of India New Delhi)
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When the modern world loses faith, destiny awakens its forgotten guardian.
In an era ruled by technology, turmoil, and the silent collapse of human values, an ordinary engineer named Tilak is thrust into a journey that defies science, time, and reality itself.
A series of haunting dreams leads him to a revelation buried deep within his past — a forgotten encounter with a mystical yogi whose divine energy was sealed within him as a child.<
When the modern world loses faith, destiny awakens its forgotten guardian.
In an era ruled by technology, turmoil, and the silent collapse of human values, an ordinary engineer named Tilak is thrust into a journey that defies science, time, and reality itself.
A series of haunting dreams leads him to a revelation buried deep within his past — a forgotten encounter with a mystical yogi whose divine energy was sealed within him as a child.
As the twenty-year seal breaks, Tilak’s consciousness begins to expand beyond the physical realm.
Visions turn to reality. Meditation becomes flight.
And soon, the world witnesses the rise of a being it cannot comprehend — “Tilakyogi,” the Awakened Mind of the Cosmos.
From the misty caves of Rishikesh to the burning cities of modern India, Tilakyogi faces a war unlike any other — not against men, but against the shadow of human negativity itself.
Greed, anger, and fear take form as dark energies spreading across the planet, and only one awakened soul can stand between creation and chaos. Blending the timeless mysticism of ancient India with the pulse of a futuristic thriller, TILAKYOGI: Awakening of the Cosmic Mind explores the eternal battle between light and darkness — both within the world and within the human soul.
“Negativity may be vast,
but the light of one awakened consciousness
can transform the destiny of mankind.”
This novel is not merely a story — it is an awakening.
When the modern world loses faith, destiny awakens its forgotten guardian.
In an era ruled by technology, turmoil, and the silent collapse of human values, an ordinary engineer named Tilak is thrust into a journey that defies science, time, and reality itself.
A series of haunting dreams leads him to a revelation buried deep within his past — a forgotten encounter with a mystical yogi whose divine energy was sealed within him as a child.<
When the modern world loses faith, destiny awakens its forgotten guardian.
In an era ruled by technology, turmoil, and the silent collapse of human values, an ordinary engineer named Tilak is thrust into a journey that defies science, time, and reality itself.
A series of haunting dreams leads him to a revelation buried deep within his past — a forgotten encounter with a mystical yogi whose divine energy was sealed within him as a child.
As the twenty-year seal breaks, Tilak’s consciousness begins to expand beyond the physical realm.
Visions turn to reality. Meditation becomes flight.
And soon, the world witnesses the rise of a being it cannot comprehend — “Tilakyogi,” the Awakened Mind of the Cosmos.
From the misty caves of Rishikesh to the burning cities of modern India, Tilakyogi faces a war unlike any other — not against men, but against the shadow of human negativity itself.
Greed, anger, and fear take form as dark energies spreading across the planet, and only one awakened soul can stand between creation and chaos. Blending the timeless mysticism of ancient India with the pulse of a futuristic thriller, TILAKYOGI: Awakening of the Cosmic Mind explores the eternal battle between light and darkness — both within the world and within the human soul.
“Negativity may be vast,
but the light of one awakened consciousness
can transform the destiny of mankind.”
This novel is not merely a story — it is an awakening.
यह पुस्तक “विज्ञापन, विक्रय संवर्धन और प्रबंध” राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप तैयार की गई है, जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी है।
यह पुस्तक विशेष रूप से बी.कॉम., बी.सी.ए., बी.
यह पुस्तक “विज्ञापन, विक्रय संवर्धन और प्रबंध” राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप तैयार की गई है, जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी है।
यह पुस्तक विशेष रूप से बी.कॉम., बी.सी.ए., बी.बी.ए., बी.ए. एवं बी.एससी. प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है।
पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:
विज्ञापन की अवधारणाओं, विकास, प्रकार, माध्यम, बजट, नैतिक पहलुओं और संदेश निर्माण की क्रमबद्ध प्रस्तुति।
प्रत्येक अध्याय में सारांश, तालिकाएँ, उदाहरण और प्रश्न बैंक।
भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों से लिये गये व्यावहारिक उदाहरण, जिससे विद्यार्थी सिद्धांत को वास्तविक जीवन से जोड़ सकें।
सरल और सहज हिन्दी भाषा में लेखन, ताकि विषय हर विद्यार्थी के लिए समझने योग्य हो।
यह पुस्तक न केवल परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि विद्यार्थियों को विज्ञापन और विक्रय संवर्धन के व्यावहारिक पक्ष को समझने और भविष्य के लिए तैयार होने में भी सहायक सिद्ध होगी।
यह पुस्तक “विज्ञापन, विक्रय संवर्धन और प्रबंध” राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप तैयार की गई है, जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी है।
यह पुस्तक विशेष रूप से बी.कॉम., बी.सी.ए., बी.
यह पुस्तक “विज्ञापन, विक्रय संवर्धन और प्रबंध” राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के अनुरूप तैयार की गई है, जो शैक्षणिक सत्र 2025-26 से प्रभावी है।
यह पुस्तक विशेष रूप से बी.कॉम., बी.सी.ए., बी.बी.ए., बी.ए. एवं बी.एससी. प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है।
पुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ:
विज्ञापन की अवधारणाओं, विकास, प्रकार, माध्यम, बजट, नैतिक पहलुओं और संदेश निर्माण की क्रमबद्ध प्रस्तुति।
प्रत्येक अध्याय में सारांश, तालिकाएँ, उदाहरण और प्रश्न बैंक।
भारत के विभिन्न राज्यों और शहरों से लिये गये व्यावहारिक उदाहरण, जिससे विद्यार्थी सिद्धांत को वास्तविक जीवन से जोड़ सकें।
सरल और सहज हिन्दी भाषा में लेखन, ताकि विषय हर विद्यार्थी के लिए समझने योग्य हो।
यह पुस्तक न केवल परीक्षा की दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि विद्यार्थियों को विज्ञापन और विक्रय संवर्धन के व्यावहारिक पक्ष को समझने और भविष्य के लिए तैयार होने में भी सहायक सिद्ध होगी।
यह पुस्तक केवल सरल हृदय वाले व्यक्ति ही पढ़ें, तथाकथित दिमागदार कृपया इससे दूर रहें। इस पुस्तक की कहानियाॅं मनगढंत के साथ-साथ अपने मुख्य नाम के अनुसार ही सिरफिरी हैं। ये केवल इस प
यह पुस्तक केवल सरल हृदय वाले व्यक्ति ही पढ़ें, तथाकथित दिमागदार कृपया इससे दूर रहें। इस पुस्तक की कहानियाॅं मनगढंत के साथ-साथ अपने मुख्य नाम के अनुसार ही सिरफिरी हैं। ये केवल इस पुस्तक तक ही सीमित हैं जिन्हे पढ़कर तुरंत भुला देना उचित है, हालांकि पाठक चाहें तो मनोरंजन के लिए इसे दिल की स्मृतियों में रख सकते हैं। दिल की स्मृतियों में रखने के लिए लेखक से किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवष्यकता नहीं है और न ही इसे काॅपीराइट का उल्लंघन माना जाएगा। पुस्तक की इन सिरफिरी कहानियों को लिखते समय बिल्कुल भी प्रयत्न नहीं किया गया है कि कोई गंभीर-हास्य पैदा हो, लेकिन यदि भूलवश यह उत्पन्न हो जाए तो क्षमाप्रार्थी हॅूं।
दस सिरफिरी कहानियों को जिन्हें दस जंगली मनगढंत कहानियां भी कहा जा सकता है का, एक-दूसरे से कोई संबंध न होते हुए भी ये एक दूसरे से संबंधित हैं। ये दस सिरफिरी कहानियाॅं कमजोरी-रेखा कार्ड, मौसम-विभाग, मास्क, बेरोजगारी, बड़ा आदमी!, खूबसूरत कमाई, ऊपरी कमाई, इंस्पेक्षन, कबीले में चुनाव और सेवानिवृत्ति कार्यक्रम हमारे प्रिय पाठकों को समर्पित हैं।
कहानियाॅं अनन्त हैं, उन्हीं अनन्त कहानियों में से ‘‘टुकड़ा कहानियों का’’ हमारे प्रिय पाठकों को समर्पित है। ‘‘टुकड़ा कहानियों का’’ अपने भीतर छह कहानियों को समेटे हुए
कहानियाॅं अनन्त हैं, उन्हीं अनन्त कहानियों में से ‘‘टुकड़ा कहानियों का’’ हमारे प्रिय पाठकों को समर्पित है। ‘‘टुकड़ा कहानियों का’’ अपने भीतर छह कहानियों को समेटे हुए है। जहाॅं आप नन्हें बच्चे के डर, एक लड़की का अपनी ही सीमाओं से द्वंद, बेरोजगार युवक का अनायास ही अपराध की ओर मुड़ जाना, एक शरारत जिसने जीवन बदल का रख दिया, तिलिस्मी दुनिया के बीच फसा जीवन, आधुनिकता का रहस्य से सामना जैसी भावनाओं से ओतप्रोत पात्रों से मिलते हैं। हमें यकीन है कि इन पात्रों की भावनाए आपकी भावनाओं को अवश्य छुएंगी।
दौड़ अभी बाकी थी! पुस्तक में कुल चार कहानियॉं हैं। पहली कहानी ‘‘दौड़ अभी जारी थी!’’ जीवन में प्रवेश करने से लेकर मरणोपरान्त तक की दौड़ का संकेतात्मक विवरण प्रस्तुत किया गया है
दौड़ अभी बाकी थी! पुस्तक में कुल चार कहानियॉं हैं। पहली कहानी ‘‘दौड़ अभी जारी थी!’’ जीवन में प्रवेश करने से लेकर मरणोपरान्त तक की दौड़ का संकेतात्मक विवरण प्रस्तुत किया गया है। दूसरी कहानी ‘‘नाम-धराई’’ एक ऐसे गांव की कहानी हैं, जहॉं प्राचीन कुरीतियॉं और परम्पराएं अभी भी मौजूद हैं और इन कुरीतियों के विरुद्ध एक महिला कैसे अपनी लड़ाई लड़ती है। तीसरी कहानी ‘‘गांव के मास्साब’’ में ऐसे शिक्षकों की ओर ध्यान आकर्षित किया गया है, जिन्हें लोग सम्मान तो देते हैं लेकिन वेतन मजदूरों से भी कम। चौथी कहानी ‘‘अम्मा’’ अवसाद की ओर जाते-जाते, जीवन में शिखर की ओर रुख करने वाले लड़के और उसके विश्वास की कहानी है, जो रोमांच और अद्भुत घटनाओं को अपने में समेटे हुए है।
यह पुस्तक केवल सरल हृदय वाले व्यक्ति ही पढ़ें, तथाकथित दिमागदार कृपया इससे दूर रहें। इस पुस्तक की कहानियाॅं अपने नाम के अनुसार ही सिरफिरी हैं। ये केवल इस पुस्तक तक ही सीमित हैं जि
यह पुस्तक केवल सरल हृदय वाले व्यक्ति ही पढ़ें, तथाकथित दिमागदार कृपया इससे दूर रहें। इस पुस्तक की कहानियाॅं अपने नाम के अनुसार ही सिरफिरी हैं। ये केवल इस पुस्तक तक ही सीमित हैं जिन्हे पढ़कर तुरंत भुला देना उचित है, हालांकि पाठक चाहें तो मनोरंजन के लिए इसे दिल की स्मृतियों में रख सकते हैं। दिल की स्मृतियों में रखने के लिए लेखक से किसी प्रकार की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं है और न ही इसे काॅपीराइट का उल्लंघन माना जाएगा। ऐसे व्यक्ति जो किन्हीं मनगढंत और सिरफिरी कहानियों को भी किसी नाम, वर्ण, व्यवसाय, स्थान, घटना, जीवित-मृत व्यक्ति या राजनीति से जोड़ देते हैं, वे कृपया अपनी इस क्षमता का प्रयोग इन कहानियों को पढ़ते समय या उसके बाद न करें तो बड़ी कृपा होेगी।
पुस्तक की इन सिरफिरी कहानियों को लिखते समय बिल्कुल भी प्रयत्न नहीं किया गया है कि कोई गंभीर-हास्य पैदा हो, लेकिन यदि भूलवश यह उत्पन्न हो जाए तो क्षमाप्रार्थी हॅूं।
ग्यारह सिरफिरी कहानियों को जिन्हें ग्यारह मनगढंत कहानियाॅं भी कहा जा सकता है का, एक-दूसरे से कोई संबंध न होते हुए भी ये एक दूसरे से संबंधित हैं। ये ग्यारह सिरफिरी कहानियाॅं मृदंग, हैलीकाॅप्टर, मच्छर, गूढ़-ज्ञान, जादू, दृष्टा, कान, फैसला, जेन्टलमैन-शहर, दयालुता और वेतनवृद्धि हमारे प्रिय पाठकों को समर्पित हैं।
कहानी सिनेमा, सत्तर के दशक में गांव के एक परिवार पर घटित ऐसी अदना सी घटना के इर्दगिर्द घूमती है, जिसने उस परिवार की ईमानदारी पर पूरे 10 वर्षों तक प्रश्नचिन्ह् लगाकर रखा। उपन्यास की
कहानी सिनेमा, सत्तर के दशक में गांव के एक परिवार पर घटित ऐसी अदना सी घटना के इर्दगिर्द घूमती है, जिसने उस परिवार की ईमानदारी पर पूरे 10 वर्षों तक प्रश्नचिन्ह् लगाकर रखा। उपन्यास की दूसरी कहानी बाॅसगिरी दंभ और दृष्टिकोण पर आधारित है जो बाॅस और कर्मचारी के मानसिक स्तर के द्वंद को उजाकर करती प्रतीत होती है। तीसरी और इस उपन्यास की अंतिम कहानी जी.एम.! प्राइवेट नौकरी में पद के महत्व और कार्यशैली को आइना दिखाती है। तो आइए इन कहानियों में प्रवेश करते हैं-
आधी रात के अंधेरे में खिड़की के कांच पर मानवाकृति के सिर की परछाई दिखाई दी, जिसने सिर पर कुछ ओढ़ रखा था। जानकी ने जैसे ही उस ओर देखा, जोर से चीखने की कोशिश की, लेकिन शायद डर के कारण आवाज
आधी रात के अंधेरे में खिड़की के कांच पर मानवाकृति के सिर की परछाई दिखाई दी, जिसने सिर पर कुछ ओढ़ रखा था। जानकी ने जैसे ही उस ओर देखा, जोर से चीखने की कोशिश की, लेकिन शायद डर के कारण आवाज ने भी धोखा दे दिया था। जानकी ने सो रहे शर्मा जी को उठाने के लिए हल्का सा धक्का दिया, शर्मा जी ने घबड़ाकर आंखे खोल दी। जानकी को बैठा हुआ देखकर शर्मा जी भी उठकर बैठ गये - ‘‘क्या हुआ इतनी रात को ऐसे क्यों बैठी हो?’’ जानकी की ओर देखकर शर्मा जी ने आश्चर्य से पॅूछा। जानकी ने खिड़की की ओर देखकर कहा- ‘‘वो देखिए वहां क......क.....कौन है...............कहीं वो’’
पुस्तक पूरी तरह से प्रैक्टिकल प्राॅब्लेम्स एवं सोल्यूशन्स पर आधारित है। यह विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है, अतः यह पुस्तक शैक्षिक - पाठ्य पुुस्तक की श्रेणी के अंतर्गत आती है। प
पुस्तक पूरी तरह से प्रैक्टिकल प्राॅब्लेम्स एवं सोल्यूशन्स पर आधारित है। यह विद्यार्थियों के लिए लिखी गई है, अतः यह पुस्तक शैक्षिक - पाठ्य पुुस्तक की श्रेणी के अंतर्गत आती है। पुस्तक हिन्गलिश भाषा में लिखी गई है, जो वर्तमान समय की लोकप्रिय भाषा है, अर्थात् पुस्तक को सरलीकृत करने हेतु हिन्दी एवं अंग्रेजी (मिश्रित) भाषा का प्रयोग किया गया है। इस प्रकार यह पुस्तक जितनी हिन्दी मीडियम के विद्यार्थियों के लिए अच्छी है, उतनी ही अंग्रेजी मीडियम के विद्यार्थियों के लिए भी उत्तम है। इस पुस्तक के प्रैक्टिकल प्राॅब्लेम्स एवं सोल्यूशन्स विद्यार्थी को टैली में कुशल बनाने का काम करेंगे।
पुस्तक के लेखन के दौरान लेखक द्वारा यह ध्यान रखा गया है, कि यह ऐसे छात्रों के लिए पूर्णतः उपयोगी हो, जो P.G.D.C.A. (Post Graduate Diploma in Computer Application), D.C.A (Diploma in Computer Application)] B.Com.(C.A./Hon.) कर रहे हैं, टैली सीखने के इच्छु
पुस्तक के लेखन के दौरान लेखक द्वारा यह ध्यान रखा गया है, कि यह ऐसे छात्रों के लिए पूर्णतः उपयोगी हो, जो P.G.D.C.A. (Post Graduate Diploma in Computer Application), D.C.A (Diploma in Computer Application)] B.Com.(C.A./Hon.) कर रहे हैं, टैली सीखने के इच्छुक व्यक्ति के लिए भी यह पुस्तक श्रेष्ठ है। अक्सर विद्यार्थी Syllabus के अनुसार पुस्तक न मिलने के कारण परेशान रहते हैं। यह पुस्तक उन्हें इस परेशानी से मुक्त कर देने में समर्थ है। लेखन में सहज भाषा का प्रयोग किया गया है, आसानी से समझने योग्य बनाने के लिए आवश्यकता पड़ने पर स्वतंत्र रूप से अंग्रेजी के शब्दों का भी प्रयोग करने से परहेज नहीं किया गया है।
टैली कोर्स को 5 यूनिट में विभाजित किया गया है, साथ ही साथ प्रत्येक यूनिट से संबंधित प्रश्नों को प्रत्येक यूनिट के अंत में दर्शाया गया है। टैली से संबंधित शार्टकट बटन एवं की-काॅम्बिनेशन को यथाउचित स्थान पर बतलाया गया है जो टैली चलाने वाले को एक्सपर्ट बनने में काम आयेगा। पुस्तक में, समझाने के उद्देश्य से टैली के स्क्रीन शाॅट का उपयोग किया गया है साथ ही साथ यह भी ध्यान रखा गया है, कि प्रश्नों के उत्तर लिखने के लिए विद्यार्थियों को अधिक से अधिक लेखन सामग्री प्राप्त हो सके। पुस्तक Tally.ERP9 के अनुसार लिखी गई है, चॅूंकि उपरोक्त पाठ्यक्रमों में GST शामिल नहीं है, फिर भी वर्तमान आवश्यकता के आधार पर GST के लिए पृथक अध्याय लिखा गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार भारत में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादक सम्पत्तियों की राशि मार्च 2019 में लगभग 8 लाख करोड़ रूपये हो
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार भारत में सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों की गैर निष्पादक सम्पत्तियों की राशि मार्च 2019 में लगभग 8 लाख करोड़ रूपये हो चुकी थी जो किसी छोटे विकासशील देश की जीडीपी के बराबर है। इस भयावह एवं ज्वलंत समस्या को देखते हुए यह विषय चुना गया और इस पर पुस्तक लिखी गई है। सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक एस.बी.आई एवं निजी क्षेत्र का बैंक एच.डी.एफ.सी. बैंक को तुलनात्मक विश्लेषण के लिए लिया गया है। दोनों बैंकों के अग्रिमों के अध्ययन के उपरांत गैर निष्पादक आस्तियों का पृथकतः एवं तुलनात्मक अध्ययन किया गया है। साथ ही अग्रिमों से गैर निष्पादक आस्तियों का आनुपातिक विश्लेषण भी किया गया है। यह पुस्तक शोध करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी उपयोगी होगी।
प्रथम न्यायाधीश के न्याय कथन से सारी सृष्टि के कर्म एवं कर्मफल का कार्य सुचारू रूप से चल रहा था, सभी लोकों में नियम एवं धर्म पर चलने के संदेश पहुंच चुके थे। कर्म धर्म की मर्यादा मे
प्रथम न्यायाधीश के न्याय कथन से सारी सृष्टि के कर्म एवं कर्मफल का कार्य सुचारू रूप से चल रहा था, सभी लोकों में नियम एवं धर्म पर चलने के संदेश पहुंच चुके थे। कर्म धर्म की मर्यादा में हों इसके लिए प्रयास किये जाने लगे थे। कर्मफल के नियम प्रचलित हो चुके थे। सभी को ज्ञात था कि कोई शक्ति है जो सदैव उनके चित्त में गुप्त रूप से स्थित है, और उनके द्वारा किये जा रहे कर्मों को चित्ररूप में संग्रहित कर रही है और वह शक्ति और कोई नहीं बल्कि स्वयं महाराज चित्रगुप्त हैं। ये प्रक्रिया अनंत है, जब आप ये पढ़ रहे हैं, तब भी ये शक्ति आपके इस श्रेष्ठ कर्म को संग्रहित करने में व्यस्त हैं।
आधी रात में घने जंगल के बीचों बीच बने पुराने किले के भीतर खम्बों के पीछे चारों छिपे हुए थे, बीच के कम उंचाई के चार खम्बों के ऊपर आग जलने से पीली रोशनी में अब सब कुछ साफ दिखाई दे रहा थ
आधी रात में घने जंगल के बीचों बीच बने पुराने किले के भीतर खम्बों के पीछे चारों छिपे हुए थे, बीच के कम उंचाई के चार खम्बों के ऊपर आग जलने से पीली रोशनी में अब सब कुछ साफ दिखाई दे रहा था। लताओं से आधी से ज्यादा दीवालें भरी हुई थीं। पिंजरे में बंद उल्लू पक्षी की गोल गोल आंखें आग की पीली रोशनी में और भी भयानक प्रतीत हो रही थीं। ‘‘ऊऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽऽ’’ खण्डहर के बाहर से एक लंबी आवाज सुनाई देती है। ‘‘ये अंदर क्या कम डरावना है प्रभु जो बाहर से भी ऐसी आवाजें भेज रहे हो।’’ रमेश ने खम्बे के पीछे छिपे हुए ही ऊपर की ओर देखते हुए कहा।
‘‘बिल्कुल यही.....हां यही तो मुझसे छूट रहा था......इस 2020 में उस कुर्सी पर......हां उसी के साथ घटना घटित होने वाली है..........इस घटना को रोकना होगा..........यानि उसको छोड़कर ऑफिस के सभी लोग सुरक्षित हैं, यदि वे उस आखिरी कुर्सी के पास नहीं जाते हैं तो........वही है जिसे पिछले 3 की तरह वो आखिरी कुर्सी अपनी ओर आकर्षित करेगी.......हां उसे रोकना होगा....’’
ऐसे ही रहस्यों से भरी इस यात्रा में शामिल होने के लिए आइये इस कहानी ‘‘रहस्यमयी यात्रा 2020’’ में प्रवेश करते हैं -
‘‘घड़ी की वो सुई’’ उस बुजुर्ग व्यक्ति की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जो घर का तथाकथित मुखिया तो है, लेकिन उसकी महत्ता घड़ी की उस सुई की तरह ही हो गई है, जो घड़ी चलने का प्रमाण तो देत
‘‘घड़ी की वो सुई’’ उस बुजुर्ग व्यक्ति की ओर ध्यान आकर्षित करती है, जो घर का तथाकथित मुखिया तो है, लेकिन उसकी महत्ता घड़ी की उस सुई की तरह ही हो गई है, जो घड़ी चलने का प्रमाण तो देती है, लेकिन जब भी लोगों की निगाहें घड़ी पर जाती है तो उस सुई पर किसी का ध्यान नहीं जाता। उस सुई का महत्व तभी पता चलता है, जब वह रुक जाती है, और घड़ी बंद हो जाती है।
जिस तरह घड़ी की सुईयों का महत्व संयुक्तता में है वैसे ही परिवार के सदस्यों का महत्व भी संयुक्तता में हैं, इसी विचारधारा को बढ़ावा देने वाली ये रोमांचित कहानी प्रस्तुत है ‘‘घड़ी की वो सुई’’
यह कहानी ऐसे व्यक्ति की है जिनके लिए लाॅटरी जीवन का हिस्सा बन चुका था, लेकिन उसमें भी ऐसा नियंत्रण कि प्रतिमाह केवल एक लाॅटरी, वो भी एक ही कंपनी की और एक ही राशि की। जैसे लाॅटरी नही
यह कहानी ऐसे व्यक्ति की है जिनके लिए लाॅटरी जीवन का हिस्सा बन चुका था, लेकिन उसमें भी ऐसा नियंत्रण कि प्रतिमाह केवल एक लाॅटरी, वो भी एक ही कंपनी की और एक ही राशि की। जैसे लाॅटरी नहीं ले रहे हों बल्कि किसी नियम और संकल्प के साथ अपना कर्तव्य का पालन कर रहे हों।
क्या चतुर्वेदी जी को लाॅटरी लगेगी, या सारा जीवन वे केवल टिकिट ही खरीदते रहेंगे, या नियति ने चतुर्वेदी जी के जीवन में कुछ अलग ही नियत कर रखा है। आइये जानने के लिए पढ़ते हैं, अविश्वसीय घटना से भरी हुई कहानी ‘‘ लाॅटरी ’’
सैकड़ों साल पहले जब कबीला संस्कृति प्रचलित थी, इस समय मध्य देश मे जगत कबीला नामक कबीले के वैद्यराज नामक वैद्य ने आयुर्वेद के ज्ञान से ऐसी चमत्कारिक औषधि बनाई जिसके लगातार 8 वर्षों
सैकड़ों साल पहले जब कबीला संस्कृति प्रचलित थी, इस समय मध्य देश मे जगत कबीला नामक कबीले के वैद्यराज नामक वैद्य ने आयुर्वेद के ज्ञान से ऐसी चमत्कारिक औषधि बनाई जिसके लगातार 8 वर्षों तक किये गये प्रयोग से भुजवीर और संतोषी के मस्तिष्क में ऐसे अद्भुत परिवर्तन हुए कि उनके लिए समय की गति को समझना बड़ा आसान हो गया। जिसका मतलब था, समय की छोटी से छोटी इकाई को अनुभव करने के साथ-साथ उस पर कार्य करना। इसलिये उन्हें जरूरत पड़ी समय की सबसे छोटी इकाइयों की जो उन्हें प्राचीन ग्रंथो और वेदों से प्राप्त हुई। आइये इस कहानी में उनकी समय की गति को पहचानने की क्षमता जानने के लिये कहानी के एक वक्तव्य को पढ़ते हैं -
भुजवीर - हमारे कबीले के अनुसार समय की सबसे छोटी इकाई, एक क्षण
संतोषी - वेदों के अनुसार उससे छोटी इकाई एक निमेष, यानि एक बार पलक झपकने में लगने वाले समय के बराबर। जबकि 3 निमेष बीतने पर एक क्षण होता है
भुजवीर -उससे छोटी इकाई एक लावा, जबकि 3 लावा बीतने पर एक निमेष होता है
संतोषी - उससे छोटी इकाई एक वेध, जबकि 3 वेध बीतने पर एक लावा होता है
भुजवीर - उससे छोटी इकाई एक त्रुटि, जबकि 100 त्रुटि बीतने पर एक वेध होता है
लोहवीर - हां तुम दोनों एक त्रुटि को आसानी से समझ सकते हो। यही तुम दोनों के मस्तिष्क और सामान्य लोगों के मस्तिष्क में अंतर है। तुम दोनों एक क्षण को 2700 भागों में महसूस कर सकते हो, और उन पर काम कर सकते हो।
भुजवीर संतोषी की ओर देखकर - अभी एक तृसरेणु बाकी है।
संतोषी भुजवीर की ओर देखती हुई - हां एक तृसरेण एक त्रुटि को भी 3 भागों में बांट देता है। यानि त्रुटि से 3 गुना तेज।
पांचों लोग एक-दूसरे को देखकर मुस्करा देते हैं।
क्या हो यदि आपके सपनों में दिखाई देने वाले दृश्य केवल कल्पना न हों...
बल्कि किसी और लोक से आने वाले संदेश हों?
तिलक, एक साधारण सॉफ्टवेयर इंजीनियर।
उसकी ज़िन्दगी ऑफिस के प्रोज
क्या हो यदि आपके सपनों में दिखाई देने वाले दृश्य केवल कल्पना न हों...
बल्कि किसी और लोक से आने वाले संदेश हों?
तिलक, एक साधारण सॉफ्टवेयर इंजीनियर।
उसकी ज़िन्दगी ऑफिस के प्रोजेक्ट्स, कोडिंग और घर-परिवार के बीच गुजर रही थी।
लेकिन एक रात—एक ट्रेन यात्रा, एक जंगल और एक रहस्यमयी योगी के दर्शन ने सबकुछ बदल दिया।
धीरे-धीरे उसके सपने वास्तविकता से मिलने लगे।
अंधकार की अदृश्य शक्तियाँ शहरों को निगलने लगीं।
लोग भय, क्रोध, ईर्ष्या और हिंसा के वशीभूत होकर पागलपन की ओर बढ़ रहे थे।
और तभी जन्म हुआ—“तिलकयोगी” का।
नीले वस्त्र, गेरुआ चोगा और अग्नि-तिलक से सुसज्जित यह नायक केवल एक सुपरहीरो नहीं,
बल्कि आध्यात्मिकता और आधुनिकता के संगम का प्रतीक है।
उसकी शक्ति हथियारों से नहीं, बल्कि ध्यान, साधना और सकारात्मक ऊर्जा से आती है।
यह पुस्तक केवल एक रोमांचक कथा नहीं है—
यह पाठक को यह अनुभव कराती है कि नकारात्मकता चाहे कितनी भी प्रबल क्यों न हो,
सकारात्मकता की एक चिंगारी सम्पूर्ण अंधकार को समाप्त कर सकती है।
✨ “तिलकयोगी” में आपको मिलेगा—
रहस्यमयी स्वप्न और उनका छिपा अर्थ।
आधुनिक शहरों में फैलता अंधकार और उससे जूझता एक नायक।
प्राचीन आध्यात्मिक ज्ञान और 21वीं सदी के संघर्षों का संगम।
एक ऐसी यात्रा, जहाँ विज्ञान और अध्यात्म मिलकर मानवता के भविष्य का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
लेखक अभिषेक श्रीवास्तव द्धारा ‘कहानियों की दुनियां ऐसी भी ’ नामक किताब पांच कहानियों को लेकर लिखी गई है।
पहली कहानी‘‘ राजाभैया’’ नामक एक ऐसे लड़के की कहानी
लेखक अभिषेक श्रीवास्तव द्धारा ‘कहानियों की दुनियां ऐसी भी ’ नामक किताब पांच कहानियों को लेकर लिखी गई है।
पहली कहानी‘‘ राजाभैया’’ नामक एक ऐसे लड़के की कहानी है, जो एक छोटे से गांव के ऐसे परिवार से है जहां पहली बार कोई काॅलेज की पढ़ाई करने शहर गया है, वहां जाकर राजाभैया अपने अलबेले अंदाज से कैसे शहर के काॅलेज की चुनौतियो का सामना करते हैं, इसे किताब के पन्नों में उतारने की कोशिश की गई है।
दूसरी कहानी ‘‘कचहरी ’’ तहसील के सरकारी दफ्तर की कहानी है, इस कहानी के नायक ‘‘ शर्मा जी ’’ कैसे अपने उपर आई मुसीबत का सामना करते हैं, इस पर आधारित है।
तीसरी कहानी ‘‘शिक्षा’’ अपने नाम के अनुसार ही शिक्षा के महत्व को प्रदर्शित करती है।
अगली कहानी ‘‘गांव’’ ऐसी विचारधारा पर आधारित है, जिसमें लोग गांव को छोड़कर शहर जाना चाहते हैं।
पांचवी और अंतिम कहानी ‘‘रिटायरमेन्ट’’ एक मध्यमवर्गीय परिवार की कहानी है, जिन पर रिटायरमेन्ट उम्र 62 से घटाकर 58 करने के सरकारी आदेश का असर दिखाया गया है।
लेखक द्वारा पांचों कहानियों को कुछ इस प्रकार लिखने की कोशिश की गई है, कि ध्यान से पढ़ने पर कहानियां दिमाग में मंचन का अस्तित्व लेती हुई प्रतीत होती है।
‘एक विचार’ किताब ‘मन में उत्पन्न विभिन्न छोटे लेकिन इतने महत्वपूर्ण कि यदि उन्हें सही दिशा मिले तो जीवन को सही राह दिखा जाते हैं’ को लेकर लिखी गई है। इसमें लेखक ने अपने विचारों को
‘एक विचार’ किताब ‘मन में उत्पन्न विभिन्न छोटे लेकिन इतने महत्वपूर्ण कि यदि उन्हें सही दिशा मिले तो जीवन को सही राह दिखा जाते हैं’ को लेकर लिखी गई है। इसमें लेखक ने अपने विचारों को किताब पर उतारने की कोशिश की है, जिन्हें पढ़ते समय प्रति कदम पहले से जानते हुए या सुने हुए वक्तव्य याद आते हैं, किन्तु उनको देखने का नजरिया बिल्कुल नया प्रतीत होता है। इस किताब को लिखने के पूर्व लेखक ने संबंधित चरणों के बारे में अध्ययन कर निष्कर्ष निकालकर उन चरणों को सारांश के रूप में प्रस्तुत किया है। ‘एक विचार’ कुल 15 चरणों में लिखी गई किताब है। जिसमें प्रकृति, समय व शक्ति, माता-पिता, जुड़ना, मन, भक्ति, भक्ति से आस, श्री गुरू, दुआऐं, प्रेरणा, श्रीराम कथा, आराध्य, संगीत, नियति और अंतिम चरण माॅं को शामिल किया गया है। उक्त किताब पढ़ते समय आपको बिल्कुल साधारण विचारों का आभास होगा, लेकिन उसे सहजता के साथ पढ़ते ही आपको आत्मिक शांति का अनुभव होगा। इन चरणों को बिना किसी मानसिक तर्क-वितर्क किए सिर्फ पढ़े, और लेखक के दृष्टिकोण से इन चरणों को देखें। सहजतापूर्ण लिखे ‘एक विचार’ के विभिन्न चरणों के प्रेरणास्रोत लेखक के पिता डाॅ. संत शरण श्रीवास्तव हैं।
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