‘एक विचार’ किताब ‘मन में उत्पन्न विभिन्न छोटे लेकिन इतने महत्वपूर्ण कि यदि उन्हें सही दिशा मिले तो जीवन को सही राह दिखा जाते हैं’ को लेकर लिखी गई है। इसमें लेखक ने अपने विचारों को किताब पर उतारने की कोशिश की है, जिन्हें पढ़ते समय प्रति कदम पहले से जानते हुए या सुने हुए वक्तव्य याद आते हैं, किन्तु उनको देखने का नजरिया बिल्कुल नया प्रतीत होता है। इस किताब को लिखने के पूर्व लेखक ने संबंधित चरणों के बारे में अध्ययन कर निष्कर्ष निकालकर उन चरणों को सारांश के रूप में प्रस्तुत किया है। ‘एक विचार’ कुल 15 चरणों में लिखी गई किताब है। जिसमें प्रकृति, समय व शक्ति, माता-पिता, जुड़ना, मन, भक्ति, भक्ति से आस, श्री गुरू, दुआऐं, प्रेरणा, श्रीराम कथा, आराध्य, संगीत, नियति और अंतिम चरण माॅं को शामिल किया गया है।
उक्त किताब पढ़ते समय आपको बिल्कुल साधारण विचारों का आभास होगा, लेकिन उसे सहजता के साथ पढ़ते ही आपको आत्मिक शांति का अनुभव होगा। इन चरणों को बिना किसी मानसिक तर्क-वितर्क किए सिर्फ पढ़े, और लेखक के दृष्टिकोण से इन चरणों को देखें। सहजतापूर्ण लिखे ‘एक विचार’ के विभिन्न चरणों के प्रेरणास्रोत लेखक के पिता डाॅ. संत शरण श्रीवास्तव हैं।
लेखक अभिषेक श्रीवास्तव, जिन्होंने एम.काॅम.(ई-काॅमर्स) रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर से, संगीत भातखंडे संगीत महाविद्यालय से, एम.एससी. (कम्प्यूटर) माखनलाल चतुर्वेदी विश्वविद्यालय से पूर्ण की है ,वर्तमान में पी-एच.डी. की उपाधि प्राप्त करने की पूर्णता की ओर अग्रसर हैं, और पेशे से आंतरिक अंकेक्षक हैं। 41 वर्षीय अभिषेक श्रीवास्तव अपने पिता डाॅ. संत शरण श्रीवास्तव को अपना प्रेरणास्रोत मानते रहे हैं, और उन्हीं के द्वारा दिखाये मार्ग पर अग्रसर हैं।