बूँदें कुछ नए और पुराने विचारों को, अलग और खुले नज़रिए से, कुछ भावनात्मक पहलुओ को आपके समक्ष लाती है । इस संगठन का उद्देश्य कुछ देर आपको लेखक की सोच में खोना है । यह दो भागो में विभाजित है - प्रेम और सोच |
प्रेम - प्रेम संसार का संचालन करता है । सृष्टी के सृजन से लेकर इसके विनाश का कारण प्रेम ही है । विकास ही जीवन है, जिसकी नींव प्रेम है । प्रेम अनेक रंगो में पाया जा सकता है । प्रेम असीम है, अमिट है, असमय है । प्रेम एक सुख-दुःख का संतुलन है । इन कविताओ में इन्ही अहसासो की झलक मिलेगी ।
सोच - सोच ही इस मानव और अमानव के बीच की रेखा है । सोच समय और मनुष्य के जीवन में उतार-चढ़ाव से बदलती है । सोच को बेहतर करना हर किसी के लिए प्रभोघन का विषय है । किसी ने कहा है की, 'जीवन का परम सुख उनके साथ समय बिताना है, जिनकी सोच आपसे मिलती हो' । इन कविताओ में कवी की सोच है ।
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