भारत रत्न डाक्टर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर के जीवन संघर्षों को अक्षरों में बांधना कोई आसान कार्य नहीं ।उन्होंने अपने जीवन में जिन बाधाओं और विपदाओं को हँसते हँसते पार किया और दुनिया को यह दिखा दिया कि संसार की कोई भी बाधा उन्हे उनकी मंजिल को पाने से नहीं रोक सकती है I इनका सारा कार्य करते थे परंतु बदले में उन्हे घृणा ही मिलती थी। हिन्दू साहित्य में तमाम तरह की झूठी बातों को इस तरह से लिखा जिससे इनका समाज में इनका वर्चस्व बना रहे और ऐसा हुआ भी । आजादी के बाद भी देश की सरकारों ने भी कभी मन से उसे मिटाने का प्रयास नही किया । परिणाम आज भी आपके सामने है लोग आज भी भूख और बेबशी का जीवन जीने के लिए बाध्य हैं आज भी ये लोग बिना बिजली पानी के रहने के लिए बाध्य हैं । डाक्टर बाबा साहब भीम राव अंबेडकर ने समाज के पानी से लेकर में मंदिर में प्रवेश के लिए संघर्ष किया । ज्ञान के बल पर सारे विश्व को बता दिया मानव-मानव सभी समान हैं।सभी को शिक्षा का अधिकार,रोजगार करने का अधिकार होना चाहिए।स्वतंत्र भारत के कानून मंत्री बनकर उन्हों ने उन सभी के लिए ,ऐसी व्यवस्था किया जिससे भविष्य में कोई भी शिक्षा से विमुख न रह सके ।आज शिक्षा ने मानव की उन्नति के सारे दरवाजे खोल दिया है। डॉक्टर अंबेडकर जी एक सच्चे देश भक्त, समाज सेवक और भविष्य द्रष्टा थे उन्होने हिंदुओं की उन सभी बुराइयों को समाज के समाने रखने का भरसक प्रयास किया । मैंने अपनी रचनाओं के माध्यम से बाबा साहब भीम राव अंबेडकर जी की गाथा ,वंदना ,गीत, और कविताओं की रचना करने की कोशिश किया है। मुझे आशा है की आप को आनंद की अनुभूति देगी ।
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