You cannot edit this Postr after publishing. Are you sure you want to Publish?
Experience reading like never before
Sign in to continue reading.
"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palद्वीधारा
गंगा से गोदावरी
“मोती बनेगी जो बूंद स्वाती की,
बादल से उसको चुराओ दोस्तो
जिनमे रंग हो दोस्ती का
उन्ही, फूलो को दिल मे खिलाओ दोस्तो”
प्रस्तुत काव्य संग्रह में मैंने गज़लों को जहाँ मुख्य स्थान दिया वहीं मेरी मुख्य कविताएं भी है एक ओर जहा मुक्तक हैं वही मुक्त अश्आर भी है जिनमें अलग अलग भाषा भावों का मेल है तो इस में मेरे चंद चुनिंदा हायकु है जो आपका मन मोह लेंगे।
इस काव्य संग्रह को आप सभी को समर्पित करते हुए मैं स्वंय को सौभाग्यशाली समझती हूँ।
It looks like you’ve already submitted a review for this book.
Write your review for this book (optional)
Review Deleted
Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.सौ. सुमन गोपाल दुबे
नाम : सौ. सुमन गोपाल दुबे
जन्म : 7 अक्टूबर 1978
स्थान : पाचोरा महाराष्ट्र
शिक्षा : एम ए (हिंदी) हिंगोली
पता : माँ भगवती निवास
बियाणी नगर हिंगोंली 431513 महाराष्ट्र
प्रकाशित कलाकृतियाँ सहभागिता
१ विश्वास का सूरज (काव्य संग्रह) 2020
२ गजलें नयी सदी की ,
३ शुभारंभ ,
४ पहचान एक प्रयास
अन्य प्रकाशन
१ हिंदी राष्ट्र भाषाप्रचार समिती वर्धा की पत्रिका में माँ हिंदी के लिए रचनाओं का प्रकाशन
२ मेरे गीतों में तुम, तथा मेरे कुमार...
३ हिंगोली की आवाज, तथा रायपुर में विभिन्न वर्तमान पत्र पत्रिकाओं में रचनाओं का प्रकाशन
The items in your Cart will be deleted, click ok to proceed.