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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palकिसी भी समय पढ़ी जा सकने वाली कहानियों का यह संग्रह, वस्तुतः सभी उम्र के पाठकों के मनोरंजन के लिए, एक मिश्रित कैनवास पेश करता है, जिसमें एक ओर शामिल है प्रकृति में फैली, झूलते हरे पेड़ों की सुंदरता, कोयल की कूहू-कूहू, घरेलू गौरैया की चहचहाहट, मासूम सफेद बिल्ली की म्याऊं, एक चमकदार नवजात बछड़ा तो वहीं दूसरी ओर नन्हें-मुन्नों की उल्लासपूर्ण गतिविधियाँ और छोटे बच्चों की चुलबुलाती शरारतें। इस संग्रह में मानवीय रिश्तों की भावनात्मक पेचीदगियों और संवेदनाओं पर आधारित कुछ कहानियाँ भी शामिल हैं।
ये छोटी-छोटी सुखदायक कहानियाँ पाठकों के अंतर्मन को छू जाएँगी और वे उबाऊ दैनिक दिनचर्या के तनाव को भूल सकेंगे। इन ख़ूबसूरत कहानियों को पढ़कर, कुछ देर के लिये एक काल्पनिक दुनिया में विचरण करते पाठकों को, अवश्य ही सुकून और हल्कापन महसूस होगा।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.इस्मिता माथुर "मुस्कान"
श्रीमती इस्मिता माथुर ‘‘मुस्कान’’ का जन्म 21 फ़रवरी 1962 को मेरठ (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। आपने लगभग अट्ठाईस वर्षों तक मध्यप्रदेश राज्य विद्युत मंडल/ पॉवर ट्राँसमिशन कम्पनी में संचार अभियंता के बतौर शासकीय सेवा की और वर्ष 2016 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति प्राप्त की।आप लगभग दस वर्ष तक कंपनी की ‘‘महिला शिकायत समिति’’ की सक्रिय सदस्य भी रहीं, जिसने आपको महिलाओं की समस्याओं से बहुत गहरे तक जोड़ दिया।
बचपन से ही आपका झुकाव साहित्य, संगीत, नृत्य, एवं पेंटिंग की ओर रहा है। संवेदनशील हृदय की लेखिका ने जबलपुर के प्राकृतिक सौंदर्य, घर-परिवार और कार्यालय की विभिन्न खट्ठी-मीठी यादों और लंबी यात्राओं से मिले अनुभवों को विभिन्न कहानियों, लघु कथाओं और कविताओं के रूप में लेखनी-बद्ध किया है।
समय-समय पर इनकी लघु कथाएँ और अनुभव विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं यथा ‘सरिता’, ‘वनिता’ एवं ‘मधुरिमा-दैनिक भास्कर' में प्रकाशित और आकाशवाणी जबलपुर, यू-ट्यूब और पॉड-कास्ट के रूप में ‘मालती के फूल’ तथा ‘सुनो कहानी’ शीर्षक के अंतर्गत प्रसारित होते रहे हैं। इनकी सभी कहानियाँ आम बोलचाल की भाषा में है।
लेखिका को हिन्दी साहित्य में उनके योगदान के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सुपरिचित संस्था ‘कादम्बरी’ द्वारा ‘राष्ट्रीय सम्मान’ एवं पाथेय प्रकाशन, जबलपुर द्वारा ‘पाथेय-श्री अलंकरण’ प्रदान किया गया है। इसीप्रकार लेखिका के ऊर्ध्वमुखी चिंतन, सार्थक क्रियात्मकता, साहित्य सृजन, सामाजिकता एवं सांस्कृतिक कलात्मकता को सम्मानित करते हुए हिन्दी लेखिका संघ मध्यप्रदेश, जबलपुर एवं सी.टी.आई., एम. पी. पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कम्पनी, जबलपुर द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
“हल्की फुल्की कहानियाँ” से पहले, लेखिका की अन्य तीन कृतियाँ, क्रमशः “तुम्हारी कहानी”, “वो, कुछ जानी, कुछ अनजानी” और “वामा का इंद्रधनुष” नोशन प्रेस, चेन्नई से ही, वर्ष 2021 एवं 2022 में प्रकाशित हो चुकी हैं तथा नोशन प्रेस के अलावा ऐमेज़ॉन, फ़्लिपकार्ट, गूगल-बुक्स आदि प्लेटफ़ॉर्म्स पर भी उपलब्ध है।
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