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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palमेडिकल साइंस में शानदार प्रगति के बावजूद, जीवन की यात्रा के दौरान आने वाली स्वास्थ्य-बाधाओं को पार करना, आजकल तेज़ी से एक बुद्धिमत्तापूर्ण व्यक्ति का अकेले ही करने वाला कार्य बनता जा रहा है। यह पुस्तक स्वास्थ्य विषयों की एक विस्तृत श्रृंखला को छूती हुई एक यात्रा वृत्तांत है: इंटरनेट का बुद्धिमानी से कैसे उपयोग करें, अपने घर की मेडिकल किट कैसे बनाएं, साक्ष्य (एविडेंस) के आधार पर जीवनशैली और भोजन के विकल्प अपनाएं, आपकी आदतें और स्वास्थ्य संकेतक जिन पर नज़र रखने की ज़रूरत है, आपकी गट हैल्थ और तनाव का स्तर, अपने दिमाग के अंधेरे कोने को पहचानें, और भी बहुत कुछ। यह पाठक को पाचन और लिवर की बीमारियों, हृदय की समस्याओं, डायबिटीज़, नींद की बीमारी और कैंसर जैसी स्वास्थ्य चुनौतियों से परिचित कराता है, जो कि बातचीत, किस्सों, वास्तविक जीवन की कहानियों और समाचारों की दुनिया से ली गई है। यह पुस्तक कुछ सीमाओं का वर्णन करती है जिन्हें आधुनिक चिकित्सा तलाशने की कोशिश कर रही है जो हमारे दृष्टिकोण को चुनौती देती हैं। और अंत में आपको 'डॉक्टर' नामक एक सफेद कोट में मानव-पशु प्रस्तुत करती है।
विज्ञान पर आधारित यह पुस्तक स्वास्थ्य-संबंधी मुद्दों पर एक 'बातूनी' किताब है, जिसमें अंतर्दृष्टि और किस्सों के साथ सहानुभूति और फ़िलॉसोफ़ी का तड़का भी है।
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.डॉ. गौरदास चौधरी
डॉ. (प्रोफेसर) गौरदास चौधरी, एमडी (MD), डीएम (DM), एफएसीजी (FACG), एफआरसीपी (FRCP), एफएएमएस (FAMS), डब्ल्यूएचओ फेलो (WHO fellow), एक चिकित्सा विशेषज्ञ (गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट), शिक्षक, शोधकर्ता (रिसर्चर) और स्तंभकार (कॉलमनिस्ट) हैं।
उन्होंने जेआईपीएमईआर (JIPMER), पॉण्डीचेरी से स्नातक (ग्रेजुएशन) किया और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), नई दिल्ली, नागोया विश्वविद्यालय, जापान, वोल्कलिंगन, जर्मनी और सिडनी विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया में प्रशिक्षण प्राप्त किया। चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में अपने 42 वर्षों के दौरान, डॉ. चौधरी संजय गांधी पीजी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़, लखनऊ, भारत में गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के प्रोफेसर और प्रमुख रहे हैं। वे भारतीय गैस्ट्रोएंटरोलॉजी सोसायटी के अध्यक्ष हैं, और देश में लिवर और पाचन स्वास्थ्य सेवा के विकास में नेतृत्व की भूमिका निभाई है।
उनका दृढ़ विश्वास है कि स्वास्थ्य-संबंधी मुद्दों पर जागरूकता, व्यक्ति को बेहतर जीवन जीने और चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है। उनके इसी जुनून ने उन्हें 2004 में HOPE Initiative (www.hope.org.in) शुरू करने के लिए प्रेरित किया, जिसके माध्यम से उन्होंने स्कूली शिक्षा के एक घटक (कॉम्पोनेन्ट) के रूप में स्वास्थ्य को शामिल करने के लिए अभियान चलाया। उन्होंने 13 वर्षों तक 'हेल्थ अड्डा' नामक एक स्वास्थ्य कॉलम लिखा है। वह गुरुग्राम में रहते हैं और गुरुग्राम और लखनऊ में चिकित्सा सेवाएँ प्रदान करते हैं।
अधिक जानकारी www.drgchoudhuri.net पर उपलब्ध है।
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