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"It was a wonderful experience interacting with you and appreciate the way you have planned and executed the whole publication process within the agreed timelines.”
Subrat SaurabhAuthor of Kuch Woh Palक्या आपने कभी सोचा है कि जीवन इतना कठिन क्यों लगता है? क्या आप भी उन लोगों में से हैं जो रोज़मर्रा की भागदौड़, चुनौतियों और मानसिक थकावट से जूझते हुए जीवन में शांति और स्थिरता की तलाश कर रहे हैं? अगर हाँ, तो “जीवन आसान है” आपके लिए सिर्फ एक किताब नहीं, बल्कि एक नई शुरुआत की चाबी है। डॉ. अमर वंजारी द्वारा लिखित यह प्रेरणादायक पुस्तक उन सभी पाठकों के लिए है, जो जीवन की जटिलताओं से थक चुके हैं और एक ऐसे मार्गदर्शन की तलाश में हैं, जो उन्हें भीतर से सशक्त बनाए। यह किताब केवल शब्दों का संग्रह नहीं है, बल्कि अनुभवों से निकली हुई आत्मा की आवाज़ है; जो पाठकों को भीतर से जागृत करती है। यह आपको खुद से जुड़ने का, अपने भीतर की ऊर्जा को पहचानने का, और एक सार्थक, संतुलित, शांतिपूर्ण तथा सकारात्मक जीवन जीने का रास्ता दिखाती है। यह पुस्तक एक ऐसा दर्पण है, जिसमें पाठक अपने टूटे विश्वास, अधूरी इच्छाएँ और जीवन के संघर्षों को एक नए नज़रिए से देख सकता है। लेखक ने अत्यंत सरल, संवेदनशील और स्पष्ट भाषा में जीवन की गहराइयों को छूने का प्रयास किया है; ताकि हर उम्र का पाठक, चाहे वह युवा हो या बुज़ुर्ग, खुद को इस पुस्तक में पहचान सके, समझ सके, और अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सके। यह पुस्तक केवल प्रेरणा नहीं देती; यह आत्मबोध की ओर पहला कदम है। यह सिर्फ ज्ञान नहीं देती; यह जीने का एक नया नजरिया देती है। यह सिर्फ बातें नहीं करती; यह आपके भीतर के मौन को सुनने में मदद करती है। डॉ. अमर वंजारी का वर्षों का अनुभव, उनकी संवेदनशील सोच और गहराई से किया गया चिंतन इस पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ में झलकता है। यह किताब उन सभी के लिए एक जीवन-दर्शन है, जो हर परिस्थिति में मुस्कुराना सीखना चाहते हैं, और जीवन को बोझ नहीं, एक सुंदर अनुभव के रूप में देखना चाहते हैं। “इसे पढ़िए नहीं, महसूस कीजिए। यह सिर्फ आपकी सोच नहीं, आपका जीवन बदल सकती है। आपका जीवन मंगलमय, सरल और सुंदर हो; यही इस पुस्तक की सच्ची भावना है।”
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Your review has been deleted and won’t appear on the book anymore.डॉ. अमर वंजारी
डॉ. अमर वंजारी महाराष्ट्र राज्य के यवतमाल जिले के पांढरकवडा गांव के निवासी हैं और वर्तमान में प्राणीशास्त्र विषय में सहयोगी प्राध्यापक पद पर कार्यरत हैं। एक उच्च शिक्षित, प्रबुद्ध और चिंतनशील व्यक्तित्व के रूप में उन्होंने शिक्षा, शोध और जीवन की गहराइयों को समझने में अपना जीवन समर्पित किया है। पीएच.डी. गाइड और शोधकर्ता के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त करते हुए, उन्होंने जीवन और प्रकृति के नियमों को सरल और व्यावहारिक ढंग से समझाने में विशेष रुचि दिखाई है। उनका दृष्टिकोण केवल शैक्षणिक शोध तक सीमित न होकर, जीवन और प्रकृति के गहरे संबंधों को उजागर करने पर केंद्रित रहा है। वे मानते हैं कि प्रकृति ही भगवान है, और हम सभी उस ईश्वर का ही अंश हैं। डॉ. वंजारी का विश्वास है कि अच्छे कर्म देवत्व का मार्ग दिखाते हैं, जबकि बुरे कर्म अधोगति की ओर ले जाते हैं। हर इंसान अपने शरीर और बुद्धि के बल पर जो चाहे वह प्राप्त कर सकता है, लेकिन जब तक हम आत्मज्ञान प्राप्त नहीं करते, हमारा जीवन अधूरा और व्यर्थ बना रहता है। डॉ. वंजारी के अनुसार, आत्मज्ञान और सत्य की गहरी समझ के माध्यम से ही एक संतुलित जीवन जिया जा सकता है; ऐसा जीवन जो आनंद, शांति और संतोष से परिपूर्ण हो। इसलिए वे हर व्यक्ति से यही संदेश देते हैं कि अपने भीतर के भगवान को पहचानें, ब्रह्मांड की शक्ति को जानें, और प्रकृति के नियमों को अपनाकर अपने जीवन को सार्थक बनाएं।
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